
Jagannath Mahaprasad Row: श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (S.J.T.A.) ने शनिवार को श्रद्धालुओं से अपील की कि वे भगवान जगन्नाथ को अर्पित किए जाने वाले पवित्र प्रसाद 'महाप्रसाद' के प्रति सर्वोच्च सम्मान दिखाएं तथा 'डाइनिंग टेबल' पर इसे खाने से परहेज करें. यह अपील उन खबरों और सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों जिनमें पुरी के एक होटल में लोगों को डाइनिंग टेबल (भोजन की मेज) पर जूते पहनकर 'महाप्रसाद' खाते हुए देखा जा सकता है, के बाद की गई है. एसजेटीए ने इसे "श्री मंदिर की सदियों पुरानी परंपराओं के खिलाफ" करार दिया था.
एसजेटीए ने कहा कि भगवान जगन्नाथ का 'महाप्रसाद' अत्यंत पवित्र है और इसे "अन्न ब्रह्म" माना जाता है. परंपरा के अनुसार भक्तों को कृतज्ञता के साथ फर्श पर बैठकर 'भोग' को ग्रहण करना चाहिए.
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'महाप्रसाद का अत्यधिक धार्मिक महत्व'
प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया कि, "महाप्रसाद का अत्यधिक धार्मिक महत्व है और इसे अत्यंत श्रद्धा के साथ ग्रहण किया जाना चाहिए."
उन्होंने कहा, "डाइनिंग टेबल पर इसे खाना ईश्वरीय प्रसाद के प्रति अनादर माना जाता है और इससे जुड़ी आध्यात्मिक परंपराओं के विपरीत है."
उचित तरीके के बारे में शिक्षित करने का भी आह्वान
अपने परामर्श में एसजेटीए ने पुरी के होटलों, रेस्तरां और भोजनालयों से ऐसी प्रथाओं को हतोत्साहित करने तथा आगंतुकों को 'महाप्रसाद' ग्रहण करने के उचित तरीके के बारे में शिक्षित करने का भी आह्वान किया.
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