चंडीगढ़, 19 जून: पंजाब सरकार ने दायित्व निभाते हुए अपनी जान कुर्बान करने वाले सैनिकों के परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार रात यह फैसला लेते हुए कहा, "हम अपने बहादुर सैनिकों के लिए कम से कम इतना तो कर सकते हैं."
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, "पंजाब सरकार ने दायित्व निभाते हुए अपनी जान गंवाने वाले हमारे सैनिकों के परिवार को नौकरी देने के साथ ही उन्हें दी जाने वाली अनुग्रह राशि 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का फैसला किया है." उन्होंने कहा, "हमारी मातृभूमि के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर सैन्यकर्मियों के लिए हम कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं."
राज्य सरकार शहीदों के परिवारों को 10 से 12 लाख रुपये देती है. इसके अलावा वह पंजाब के रहने वाले शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की भी पेशकश करती है. किसी शहीद के परिवार को 10 से 12 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का फैसला 1999 में लिया गया था.
बुधवार को, मुख्यमंत्री ने नायब सूबेदार सतनाम सिंह और नायब सूबेदार मनदीप सिंह के परिवार को 12-12 लाख रुपये और सिपाही गुरतेज सिंह और सिपाही गुरबिंदर सिंह को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी. इसके अलावा, शहीदों के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा की थी. लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में जान गंवाने वाले 20 सैन्यकर्मियों में से चार सैनिक पंजाब के रहने वाले थे.
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