जयपुर, दो जनवरी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जाति, धर्म, और बोली सहित तमाम विविधताओं से भरे हमारे देश में एकता के सूत्र को और मजबूत करने के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ।
गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय इस दिशा में पहल करे ताकि देश के विभिन्न राज्यों के युवाओं एवं बच्चों के लिए अधिक से अधिक सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम चलाए जा सके, इससे युवा एक-दूसरे के नजदीक आयेंगे और अनेकता में एकता की भावना और प्रगाढ़ होगी।
मुख्यमंत्री रविवार को नेहरू युवा केन्द्र संगठन के तत्वावधान में 13वें आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
इस कार्यक्रम में झारखण्ड और छत्तीसगढ़ के नक्सलवाद प्रभावित जिलों से आए करीब 200 आदिवासी युवा मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में नेहरू युवा केन्द्र के कार्यालय की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है। यदि इसे मंजूरी नहीं मिलती है तो यहां के युवाओं को रचनात्मक कार्यों से जोड़ने के उद्देश्य से राज्य सरकार स्वयं के स्तर से इसके लिए संसाधन उपलब्ध कराएगी।
उन्होंने कहा कि आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत आए इन युवाओं को प्रदेश के इतिहास, संस्कृति एवं सभ्यता की जानकारी मिले, इसके लिए जरूरी है कि उन्हें जयपुर के साथ-साथ राज्य के अन्य स्थानों के भ्रमण पर भी ले जाया जाए और राज्य सरकार इसकी व्यवस्था करेगी।
गहलोत ने कहा कि हमारा प्रयास है कि आदिवासी युवा विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर खुशहाल बनें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के अन्य वर्गों के साथ-साथ आदिवासी भाई-बहनों ने भी देश के स्वतंत्रता संग्राम में अमिट योगदान दिया।
नेहरू युवा केन्द्र के क्षेत्रीय समन्वयक भुवनेश जैन ने बताया कि देश के 7 राज्यों के 3 हजार आदिवासी बच्चों का चयन इस एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत किया गया है। प्रत्येक दल में 200 बच्चों को शामिल कर देश के 15 विभिन्न स्थानों के 7 दिवसीय भ्रमण पर भेजा गया है।
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