नयी दिल्ली, 13 दिसंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाद्रा का लोकसभा में पहला भाषण इस बात का संकेत है कि वह अपने भाई और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के राजनीतिक करियर के लिए ‘‘सबसे बड़ा खतरा’’ हो सकती हैं।
निचले सदन में 32 मिनट के अपने भाषण में प्रियंका गांधी ने विपक्ष के कई मुद्दों को उठाया जिनमें संविधान को बदलने के भाजपा के कथित प्रयास, एक समूह का ‘‘बढ़ता एकाधिकार’’, महिलाओं पर अत्याचार, संभल और मणिपुर में हिंसा की घटनाएं और देश भर में जाति जनगणना की मांग शामिल थी।
प्रियंका के भाषण पर टिप्पणी करते हुए मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यदि प्रियंका वाद्रा के पहले भाषण को कोई संकेत माना जाए, तो वह राहुल गांधी के राजनीतिक करियर के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं, न केवल भावी उत्तराधिकारी के रूप में, बल्कि ऐसे शख्स के रूप में भी जो सार्वजनिक चर्चा में हल्केपन का स्तर बढ़ाने में उनसे आगे निकल सकती हैं।’’
लोकसभा में संविधान पर बहस में भाग लेते हुए केरल के वायनाड से निर्वाचित सांसद प्रियंका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा सरकार पर तीखा प्रहार किया और कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद प्रधानमंत्री यह समझ नहीं पाए हैं कि संविधान ‘संघ का विधान’ नहीं है।
उन्होंने कहा कि संविधान न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सुरक्षा कवच है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 10 वर्षों में इसे तोड़ने का हर संभव प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि यदि लोकसभा चुनाव के नतीजे इस तरह के नहीं होते तो यह सरकार संविधान बदलने का काम करती।
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कई अन्य नेताओं ने प्रियंका के लोकसभा में पहले भाषण की तरीफ करते हुए कहा कि उन्होंने ‘सरकार को आईना दिखाया है।’
राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी के भाषण की तारीफ करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मेरे पहले भाषण से अच्छा था।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
लोकसभा में संविधान पर बहस में भाग लेते हुए केरल के वायनाड से निर्वाचित सांसद प्रियंका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा सरकार पर तीखा प्रहार किया और कटाक्ष करते हुए कहा कि शायद प्रधानमंत्री यह समझ नहीं पाए हैं कि संविधान ‘संघ का विधान’ नहीं है।
उन्होंने कहा कि संविधान न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सुरक्षा कवच है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 10 वर्षों में इसे तोड़ने का हर संभव प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि यदि लोकसभा चुनाव के नतीजे इस तरह के नहीं होते तो यह सरकार संविधान बदलने का काम करती।
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कई अन्य नेताओं ने प्रियंका के लोकसभा में पहले भाषण की तरीफ करते हुए कहा कि उन्होंने ‘सरकार को आईना दिखाया है।’
राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी के भाषण की तारीफ करते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मेरे पहले भाषण से अच्छा था।’’
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