नयी दिल्ली, 22 नवंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पांच दिवसीय दौरे के दौरान विभिन्न देशों के नेताओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करने वाले उपहार भेंट किए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि इनमें से महाराष्ट्र से आठ उपहार, जम्मू-कश्मीर से पांच, आंध्र प्रदेश और राजस्थान से तीन-तीन, झारखंड से दो और कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और लद्दाख से एक-एक उपहार थे।
अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र से प्राप्त उपहारों में नाइजीरिया के राष्ट्रपति को दिया गया सिलोफर पंचामृत कलश (कोल्हापुर के शिल्प कौशल का अद्भुत नमूना) और ब्राजील के राष्ट्रपति को दिया गया वारली पेंटिंग (राज्य के दहानु, तलासरी और पालघर क्षेत्रों में आदिवासी कला का एक रूप) शामिल है।
जम्मू-कश्मीर की जीवंत संस्कृति पेश करने वाले फूलदान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को दिए गए। इस फूलदान को सोने की परत चढी कागज की लुगदी से तैयार किया गया था। गुयाना की प्रथम महिला को कागज की लुगदी से बनी पेटी में एक पश्मीना शॉल दिया गया और भारत-कैरेबियाई समुदाय (कैरीकॉम) देशों के नेताओं को खास तौर पर तैयार उपहार में कश्मीरी केसर भेंट किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान से मिले उपहारों में फूलों की कारीगरी वाला एक चांदी का फोटो फ्रेम शामिल था, जिसमें धातु के काम और पारंपरिक रूपांकनों की राज्य की समृद्ध विरासत को दर्शाया गया। इस उपहार को अर्जेंटीना के राष्ट्रपति को दिया गया था।
उन्होंने बताया कि राजस्थान के मकराना से मंगाए गए बेस मार्बल के साथ एक संगमरमर जड़ाऊ कलाकृति नॉर्वे के प्रधानमंत्री को भेंट की गई, जबकि गुयाना के प्रधानमंत्री को सोने के काम वाली लकड़ी की राज सवारी मूर्ति दी गई।
आंध्र प्रदेश से मिले उपहारों में एक चांदी का क्लच पर्स शामिल था, जिस पर कीमती रत्न जड़े हुए थे। इस पर पुष्प आकृति डिजाइन के साथ हाथ से कारीगरी की गई थी। इसे ब्राजील के राष्ट्रपति की पत्नी को दिया गया। राज्य में अराकू घाटी में मूल समुदायों द्वारा उगाई जाने वाली अराकू कॉफी को कैरीकॉम देशों के नेताओं को उपहार में दिया गया।
हजारीबाग की सोहराई पेंटिंग नाइजीरिया के उपराष्ट्रपति को भेंट की गई। यह पेंटिंग पशु, पक्षी और प्रकृति के चित्रण के लिए प्रसिद्ध है तथा कृषि जीवन शैली और आदिवासी संस्कृति में वन्य जीवन के प्रति श्रद्धा का प्रतिबिंब है।
अन्य उपहारों में उत्तर प्रदेश से निर्मित एक नक्काशीदार चांदी और शीशम की लकड़ी से बना औपचारिक फोटो फ्रेम, लकड़ी से बनी खिलौना ट्रेन, कर्नाटक के चन्नपटना से एक विशिष्ट उत्पाद, तमिलनाडु से एक तंजौर पेंटिंग और बिहार के मिथिला क्षेत्र से एक मधुबनी पेंटिंग शामिल थी।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय यात्रा के साथ, प्रधानमंत्री मोदी न केवल भारत के कूटनीतिक एजेंडे को लेकर जाते हैं, बल्कि परंपराओं, ओं, कला और आध्यात्मिकता की इसकी समृद्ध विरासत को भी प्रदर्शित करते हैं। संस्कृति और कूटनीति के इस अनूठे मिश्रण के माध्यम से, वह सुनिश्चित करते हैं कि भारत की सांस्कृतिक विविधता को न केवल स्वीकार किया जाए, बल्कि दुनिया भर में इसको मान्यता दिलाई जाए।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)