राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने CRPF के छह जवानों को वीरता पदक से सम्मानित किया

नयी दिल्ली, 6 जुलाई : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को यहां आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के चार जवानों को मरणोपरांत सहित छह जवानों को सैन्य वीरता पदक से सम्मानित किया. निरीक्षक दिलीप कुमार दास, हेड कांस्टेबल राज कुमार यादव और सिपाही बबलू राभा व शंभू रॉय को कीर्ति चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया और उनके परिवार के सदस्यों ने यह सम्मान राष्ट्रपति से प्राप्त किया. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में तीन अप्रैल, 2021 को नक्सल रोधी अभियान के दौरान वीरता दिखाने के लिए चारों जवानों को सम्मानित किया गया. नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किये गये हमले के बाद शुरू हुई मुठभेड़ में सीआरपीएफ के आठ जवानों सहित 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे. मुठभेड़ छह घंटे तक चली थी.

सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने वीरता पुरस्कारों का हवाला देते हुए बताया कि राष्ट्रपति ने असाधारण बहादुरी का परिचय देने और माओवादियों को भारी नुकसान पहुंचाने वाले इन जवानों को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया और मरणोपरांत जवानों की ओर से सम्मान उनके परिजनों ने ग्रहण किया. मुर्मू ने बिहार और जम्मू-कश्मीर में क्रमश: नक्सल रोधी अभियान और आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान बहादुरी का प्रदर्शन करने के लिए देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल के दो अन्य जवानों को भी शौर्य चक्र से सम्मानित किया. बिहार के औरंगाबाद जिले के चक्रबंधा जंगल में 25 फरवरी, 2022 को नक्सलियों द्वारा किए गए एक ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (आईईडी) विस्फोट में अपना बायां पैर गंवाने के बावजूद ‘असाधारण’ बहादुरी दिखाने और अपने जवानों का नेतृत्व जारी रखने के लिए सहायक कमांडेंट बिभोर कुमार सिंह को सैन्य पदक से सम्मानित किया गया. यह भी पढ़ें : Hathras Stampede Case: हाथरस भगदड़ के बाद पहली बार सामने आया ​​’भोले बाबा’, कहा- मौतों से दुखी हूं, सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें

सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के कमांडो सिंह को अगले दिन हेलीकॉप्टर से इलाज के लिए ले जाया जा सका, जिस दौरान उनका काफी खून बह गया था. जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 19 दिसंबर, 2021 को आतंक रोधी अभियान के दौरान सिपाही गमित मुकेश कुमार को आमने-सामने की लड़ाई में एक आतंकवादी को मार गिराने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया. कुमार, सीआरपीएफ की कश्मीर घाटी में विशेष त्वरित कार्रवाई टीम (क्यूएटी) के सदस्य थे. इस टीम ने कई आतंकवादियों को मार गिराने का काम किया है और कई सफल अभियानों को अंजाम दिया.