नयी दिल्ली, तीन नवंबर सरकार ने स्मार्ट मीटर विनिर्माताओं से इस उपकरण को और अधिक किफायती बनाने के लिए इसकी कीमत कम करने को कहा है।
बिजली सचिव आलोक कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि स्मार्ट मीटर के विनिर्माण के लिए सुरक्षा, गुणवत्ता और डिजाइन प्रमुख मानदंड होने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं विनिर्माताओं से गुणवत्ता से समझौता किए बिना मीटर की कीमत को आधा करने के लिए अभिनव तरीकों के बारे में सोचने का आग्रह करता हूं।’’
कुमार ने उद्योग मंडल आईईईएमए के ‘9वें मीटरिंग इंडिया 2022’ कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने नुकसान कम करने के पहलू में सुधार किया है और पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के विस्तार और स्मार्ट वितरण पर काम कर रहे हैं।’’
उद्योग के अनुमानों के अनुसार, एक स्मार्ट मीटर की लागत लगभग 50 डॉलर है और इसमें विनिर्माण और स्थापना शुल्क शामिल हैं।
देश में 3.3 लाख करोड़ रुपये के खर्च से आरडीएसएस के तहत मार्च 2025 तक लगभग 25 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं।
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