ताजा खबरें | कार्बनिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए शुरु की गई पीएम-प्रणाम योजना के बेहतर परिणाम मिले: नड्डा

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर कार्बनिक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने तथा मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में ‘पीएम-प्रणाम’ योजना को बेहद सफल बताते हुए सरकार ने मंगलवार को इसे एक ‘परिवर्तनकारी’ पहल करार दिया और कहा कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि योजना के बहुत ही सकारात्मक परिणाम आए हैं और लोगों ने कार्बनिक उर्वरकों का उपयोग बढ़ाया जबकि अकार्बनिक उर्वरकों का उपयोग कम किया है।

उन्होंने बताया कि आज देश में डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) का बहुत अधिक उपयोग हो रहा है, जिसकी वजह से सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहे हैं और मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि पीएम प्रणाम योजना अकार्बनिक उर्वरकों को पूरी तरह खत्म करने को लेकर है।

उन्होंने कहा कि इस योजना की घोषणा पहली बार केंद्र सरकार ने 2023-24 के बजट में की थी और इसका उद्देश्य राज्यों को वैकल्पिक उर्वरक अपनाने के लिये प्रोत्साहित करके रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में कमी लाना है।

नड्डा ने कहा कि पीएम-प्रणाम शब्द का अर्थ धरती माता की उर्वरता की बहाली, जागरूकता सृजन, पोषण और सुधार के लिए प्रधानमंत्री कार्यक्रम है।

उन्होंने कहा कि जैव उर्वरकों और जैविक उर्वरकों के साथ उर्वरकों के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित करने तथा रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी का बोझ कम करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना को रसायन और उर्वरक मंत्रालय के उर्वरक विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के तहत मौजूदा उर्वरक सब्सिडी की बचत से वित्तपोषित किया जाता है।

उन्होंने कहा ‘‘पीएम-प्रणाम योजना के लिये अलग से कोई बजट नहीं है।’’

उन्होंने बताया कि इसके तहत केंद्र सरकार राज्यों को सब्सिडी बचत का 50 फीसदी अनुदान के रूप में देती है जिसमें से 70 फीसदी राशि का उपयोग विभिन्न स्तरों पर वैकल्पिक उर्वरकों और उत्पादन इकाइयों के तकनीकी उत्थान हेतु परिसंपत्तियों के निर्माण में उपयोग किया जाता है।

नड्डा ने कहा कि शेष 30 फीसदी राशि का उपयोग किसानों, पंचायतों और उर्वरक कटौती एवं जागरूकता सृजन में शामिल अन्य हितधारकों को पुरस्कृत तथा प्रोत्साहित करने के लिये किया जाता है।

उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम पिछले खरीफ सत्र से शुरु हुआ है।

वाईएसआरसीपी के वी विजयसाई रेड्डी के पूरक प्रश्न के उत्तर में नड्डा ने बताया कि पीएम-प्रणाम योजना मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के एक खास मकसद से शुरु की गई है जबकि ड्रोन दीदी योजना महिलाओं को सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र में चुनौतियों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा की गई नवीनतम पहलों में से एक है।

कांग्रेस की रंजीत रंजन के पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बताया कि पीएम प्रणाम योजना अकार्बनिक खेती को खत्म करने के लिए नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन अधिक उर्वरकों का इस्तेमाल सेहत पर भी पड़ता है और मिट्टी की उर्वरता भी इससे प्रभावित होती है।’’

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