नयी दिल्ली, 22 नवंबर संसद की एक स्थायी समिति उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के लिए आचार संहिता तथा सेवानिवृत्ति के बाद की उनकी नियुक्तियों के बारे में विचार करेगी।
विधि और कार्मिक विभाग से संबंधित स्थायी समिति ने न्यायाधिकरण प्रणाली के कामकाज की समीक्षा को भी अपने एजेंडे में जगह दी है।
न्यायाधिकरण न्यायपालिका पर मामलों के बोझ को कम करने के लिए स्थापित संस्थाएं हैं जिनमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ विवादों का निस्तारण करते हैं।
अदालतें अक्सर विभिन्न न्यायाधिकरणों में रिक्तियों को चिह्नित करती रही हैं और कई न्यायाधीश सेवानिवृत्ति के बाद इन न्यायाधिकरणों में नियुक्त होते हैं।
लोकसभा बुलेटिन में कहा गया है कि वैकल्पिक विवाद समाधान पारिस्थितिकी तंत्र का समर्थन करने के लिए एक संस्थागत तंत्र का निर्माण और विकास भी उन विषयों में से एक है जिस पर समिति विचार करेगी।
ये विषय केंद्रीय कानून मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य बृजलाल की अध्यक्षता वाली समिति ने अपने एक साल के कार्यकाल के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 और केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के कामकाज की समीक्षा को भी एजेंडे के विषय के रूप में चुना है।
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