इंदौर (मध्य प्रदेश), 18 जून पान मसाला और तम्बाकू उत्पादों के अवैध कारोबार के जरिये 233 करोड़ रुपये से ज्यादा का जीएसटी चुराने के मामले की जांच कर रहे माल एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने स्थानीय अदालत के सामने बृहस्पतिवार को संदेह जताया कि कर चोरी की रकम को पाकिस्तान और दुबई भेजा गया है।
डीजीजीआई ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की बड़े पैमाने पर चोरी के खुलासे से जुड़े "ऑपरेशन कर्क" के तहत इंदौर के उद्योगपति किशोर वाधवानी (55) को मुंबई के एक होटल से सोमवार (15 जून) को गिरफ्तार किया था। उन्हें ट्रांजिट हिरासत में इंदौर लाये जाने के बाद स्थानीय प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अनुप्रिया पाराशर के सामने बृहस्पतिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पेश किया गया।
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डीजीजीआई के विशेष लोक अभियोजक चंदन ऐरन ने वाधवानी को 22 जून तक इस केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने की गुहार की जिसे अदालत ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद मंजूर कर लिया।
डीजीजीआई की ओर से अदालत के सामने आरोप लगाया गया कि वाधवानी अंतर-प्रांतीय जीएसटी चोरी के मामले के प्रमुख षड्यंत्रकर्ता और कर चोरी के अवैध लाभ के मुख्य प्राप्तकर्ता हैं।
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ऐरन ने वाधवानी को डीजीजीआई हिरासत में भेजे जाने के पक्ष में अदालत में दलील दी कि केंद्रीय एजेंसी को कुछ सुरागों के आधार पर इस विषय में जांच के जरिए सबूत जुटाने हैं कि जीएसटी चोरी से प्राप्त धन को पाकिस्तान और दुबई भेजा गया है।
डीजीजीआई की ओर से अदालत में दावा किया गया कि वाधवानी के पास संयुक्त अरब अमीरात का आवास वीसा है और उन्होंने दुबई में होटल कारोबार में भी निवेश कर रखा है।
उधर, वाधवानी के वकीलों ने अपने मुवक्किल पर लगाये गये तमाम आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि जीएसटी चोरी के मामले से इंदौर के 55 वर्षीय उद्योगपति का कोई लेना-देना नहीं है।
डीजीजीआई की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि वाधवानी ने मुंबई में ट्रांजिट हिरासत के दौरान खुद को कोविड-19 से संक्रमित बताया था। लेकिन जांच कराये जाने पर वह इस महामारी से पीड़ित नहीं निकले।
गौरतलब है कि इंदौर में अपने परिवार समेत शरण लेने वाले पाकिस्तानी नागरिक संजय माटा और तीन स्थानीय लोगों-विजय कुमार नायर, अशोक कुमार डागा और अमित कुमार बोथरा को जीएसटी चोरी के मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
डीजीजीआई और राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने हाल ही में इंदौर और उज्जैन में कई ठिकानों पर छापेमारी में पान मसाला और तम्बाकू उत्पादों के अवैध तौर पर निर्माण, तस्करी और बिक्री के जरिये जीएसटी चोरी का खुलासा किया था। आरोप है कि इस गोरखधंधे को डमी कम्पनियों के बूते अंजाम दिया जा रहा था।
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