इस्लामाबाद, 4 नवंबर : पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने पंजाब प्रांत की सरकार से कहा है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हत्या के प्रयास के संबंध में तथ्यों को सामने लाने के लिए एक उच्च स्तरीय संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन करे. खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पंजाब प्रांत में सत्तारूढ़ पार्टी है जबकि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाला गठबंधन संघीय सरकार का संचालन कर रहा है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में विरोध मार्च के दौरान एक बंदूकधारी ने खान (70) को ले जा रहे ट्रक पर गोली चला दी, जिससे खान के पैर में गोली लग गई. इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई है. खान की पार्टी का दावा है कि यह इमरान खान की ‘‘हत्या का प्रयास’’ था.
पंजाब के वजीराबाद कस्बे के अल्लाहवाला चौक के पास यह घटना उस समय हुई जब खान जल्दी चुनाव कराने की अपनी मांग को लेकर इस्लामाबाद तक मार्च का नेतृत्व कर रहे थे. गुरुवार देर रात जारी एक बयान के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर पंजाब सरकार को पत्र लिखा है. पत्र में प्रांतीय सरकार से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और खुफिया कर्मियों को जेआईटी में शामिल करने को कहा गया है. इससे पहले, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने प्रेसवार्ता में कहा कि घटना की ‘‘विश्वसनीय और पारदर्शी जांच’’ के लिए जेआईटी में वरिष्ठ अधिकारी शामिल होने चाहिए. उन्होंने प्रांतीय सरकार को जांच में केंद्र की ‘‘पूर्ण सहायता’’ का भी आश्वासन दिया. यह भी पढ़ें : Asia Cup 2023: पाकिस्तान में ना खेला जाए एशिया कप, इमरान खान पर हमले के बाद भारतीय क्रिकेट फैंस ने रखी ये मांग
मंत्री ने सुरक्षा में चूक के लिए पंजाब सरकार को भी जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने हमलावर के कबूलनामे का वीडियो सार्वजनिक होने का जिम्मेदार भी प्रांतीय सरकार को ठहराया. सनाउल्लाह ने बिना किसी सबूत के इस घटना के लिए सरकार और सेना के शीर्ष अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराने के लिए पीटीआई नेता असद उमर और शिरीन मजारी की आलोचना की. उन्होंने लोगों को विपक्षी नेताओं के घरों पर कथित हमले के लिए उकसाने के वास्ते पीटीआई नेता फवाद चौधरी की निंदा की. मंत्री ने कहा, ‘‘आप भी आसमान में नहीं रहते हो. यदि आप हिंसा करते हो, तो आपकी लगाई आग, आपको भी चपेट में ले लेगी.’’