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नयी दिल्ली, 10 दिसंबर : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास भ्रूण के मस्तिष्क की सबसे विस्तृत 3डी उच्च-रिजॉल्यूशन तस्वीरें जारी करने वाला दुनिया का पहला अनुसंधान संस्थान बन गया है. आईआईटी मद्रास के निदेशक वी.कामकोटी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. इस तरह के हाई-रिजॉल्यूशन वाली मस्तिष्क तस्वीर तैयार करने का मुख्य उद्देश्य विकासात्मक विकारों के शीघ्र निदान और उपचार के लिए वर्तमान भ्रूण इमेजिंग प्रौद्योगिकियों में प्रगति है. कामकोटी ने बताया कि आईआईटी मद्रास के सुधा गोपालकृष्णन ब्रेन सेंटर द्वारा किया गया अग्रणी कार्य ब्रेन मैपिंग प्रौद्योगिकी की सीमाओं को परे ले जाता है और भारत को ब्रेन मैपिंग विज्ञान के वैश्विक समूह में स्थान दिलाता है, क्योंकि यह दुनिया में अपनी तरह का पहला कार्य है. अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक देश के लिए भ्रूण से लेकर बच्चे, किशोरावस्था और युवा वयस्क तक के मस्तिष्क के विकास तथा ऑटिज्म जैसे विकासात्मक विकारों को समझना महत्वपूर्ण है.

संस्थान के निदेशक के मुताबिक, ‘‘विश्व स्तर पर पहली बार, संस्थान में सुधा गोपालकृष्णन ब्रेन सेंटर द्वारा विकसित अत्याधुनिक ब्रेन मैपिंग प्रौद्योगिकी का उपयोग करके 5,132 मस्तिष्क खंडों को डिजिटल तस्वीरों में अंकित किया गया है. यह कार्य तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र को आगे बढ़ाएगा और संभावित रूप से मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली स्वास्थ्य स्थितियों के लिए उपचार के विकास की ओर ले जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक कार्य पहली बार हुआ है जब भारत से इस तरह के उन्नत मानव तंत्रिका विज्ञान डेटा तैयार किया है. यह परियोजना पश्चिमी देशों की तुलना में 1/10वें हिस्से से भी कम लागत पर पूरी की गई. यह अनुसंधान भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, रोमानिया और दक्षिण अफ्रीका के अनुसंधानर्ताओं के साथ आईआईटी मद्रास की एक बहु-विषयक टीम द्वारा किया गया. इसमें चेन्नई स्थित मेडिस्कैन सिस्टम्स और सविता मेडिकल कॉलेज अस्पताल द्वारा सहयोग किया गया.’’ अनुसंधान के निष्कर्षों को एक विशेष अंक के रूप में जर्नल ऑफ कम्पेरेटिव न्यूरोलॉजी में प्रकाशित किया गया. यह एक शताब्दी पुराना समकक्ष-समीक्षित तंत्रिकमंत्र विज्ञान पर केंद्रित पत्रिका है.

ये आंकड़े ‘ डीएचएआरएएनआई’ विश्व भर के सभी अनुसंधानकर्ताओं के लिए निःशुल्क उपलब्ध है. जर्नल ऑफ कम्पेरेटिव न्यूरोलॉजी के प्रधान संपादक सुजाना हरकुलानो-हौजेल ने कहा, ‘‘डीएचएआरएएनआई’ अब मानव भ्रूण मस्तिष्क का सबसे बड़ा सार्वजनिक रूप से सुलभ डिजिटल डाटा है. इसे एलन ब्रेन एटलस को संचालित करने वाले शुरुआती फंड के दसवें हिस्से से भी कम राशि से बनाया गया है, और एक प्रौद्योगिकी मंच है जिसे 2020 और 2022 के बीच कोविड महामारी के दौरान पूरी तरह से भारत में संकलित किया गया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार, आईआईटी मद्रास एलन ब्रेन इंस्टीट्यूट की कतार में शामिल हो गया है, और भारत मानव मस्तिष्क मानचित्रण के क्षेत्र में अमेरिका की श्रेणी में शामिल हो गया है, जहां मानव मस्तिष्क की संरचनाओं के बारे में उपलब्ध ज्ञान के एटलस को मानव जाति को निःशुल्क उपलब्ध कराने के लिए बड़ी रकम का निवेश किया जाता है.’’