एक नए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।
बुधवार को जारी ‘एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च’ के सर्वेक्षण में पाया गया कि 31 फीसदी लोगों को इस बात का भरोसा नहीं है कि उन्हें यह टीका मिल भी पाएगा। इसके अलावा हर पांच में से एक व्यक्ति का कहना है कि वह इसे नहीं लगवाएगा।
स्वस्थ्य विशेषज्ञों को इस बात का डर है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी तक देश में 30 करोड़ टीकों का भंड़ार होने का जो वादा किया है अगर वह पूरा नहीं हुआ तो क्या होगा।
वैंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ विलियम शेफ़नर ने कहा, ‘‘वादे कम करना और काम ज्यादा करना हमेशा अच्छा होता है।’’
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जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाने की बात कही है उनमें से अधिकतर को स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा की चिंता है।
कोलराडो के मेलानी ड्राइज (56)कहते हैं,‘‘मैं टीके के खिलाफ नहीं हूं लेकिन कोविड-19का टीका साल भर में आने का मतलब है कि इसके साइड इफेक्ट पर ठीक तरह से जांच नहीं हो पाएगी।’’
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनएचआई)के निर्देशक डॉ फ्रांसिस कोलिन्स कहते हैं कि सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। एनएचआई कोरोना वायरस के संभावित टीकों का परीक्षण लाखों लोगों में करने के लिए एक मास्टर प्लान बना रहा है, ताकि यह साबित हो सके कि क्या वे वास्तव में कारगर हैं और क्या वे सुरक्षित हैं।
सर्वेक्षण में पाया गया कि जो लोग टीका लगवाना चाहते हैं वे खुद की सुरक्षा, परिवार और समुदाय की सुरक्षा करना चाहते हैं।
टेक्सास के ऑस्टिन में रहने वाले ब्रैंडन ग्रिम्स(35) ने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से इसे लगवाऊंगा।’’
उन्होंने कहा,‘‘ अपने परिवार की देखभाल करने वाले एक पिता के रूप में मुझे लगता है ... मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि मैं अपने परिवार की बेहतर सुरक्षा के लिए जल्द से जल्द टीका लगवा लूं।’’
एपी
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