नयी दिल्ली, 28 नवंबर सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी ने पश्चिम बंगाल में अशोकनगर के पास पिछले छह साल में चार और तेल क्षेत्रों की खोज की है लेकिन उनके खनन पट्टे के लिए राज्य सरकार की मंजूरी का अभी भी इंतजार है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी।
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने 24 सितंबर, 2018 को ब्लॉक डब्ल्यूबी-ओएनएन-2005/4 में अशोकनगर की पहली खोज को अधिसूचित किया था।
उन्होंने कहा कि यह खोज पांच दशकों से अधिक समय से बंगाल तलछटी बेसिन में ओएनजीसी के निरंतर अन्वेषण प्रयासों का परिणाम है।
प्रारंभिक अध्ययनों के अनुसार अशोकनगर तेल क्षेत्र में खोजा गया कच्चा तेल एक हल्की किस्म है और यह बॉम्बे हाई तेल और ब्रेंट क्रूड के लगभग समान है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, "ओएनजीसी ने 10 सितंबर, 2020 को प्रारंभिक विकास योजना (ईडीपी) के तहत अशोकनगर-1 खोज के प्रारंभिक मौद्रीकरण के लिए उत्तर 24 परगना जिले में 5.88 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के लिए पेट्रोलियम खनन पट्टा (पीएमएल) के अनुदान के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को आवेदन किया था। इसके एक महीने बाद केंद्र सरकार ने भी राज्य सरकार को पीएमएल के अनुदान के लिए सिफारिश की।"
उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार से इस पीएमएल के अनुदान का अभी भी इंतजार है।"
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियम, 1959 के तहत राज्य सरकारों को केंद्र सरकार की पूर्व सिफारिश के साथ पेट्रोलियम खनन पट्टा देने का अधिकार है।
पुरी ने कहा, "राज्य सरकार से पीएमएल का इंतजार होने की वजह से विकास योजना लागू नहीं हो सकी जिससे तेल और गैस का उत्पादन प्रभावित हुआ।"
हालांकि इस दौरान ओएनजीसी ने मूल्यांकन/खोज गतिविधियों को जारी रखा और अशोकनगर-2, कांकपुल-1, भुरकुंडा-1 और राणाघाट-2 जैसे अन्य कुओं में हाइड्रोकार्बन की उपस्थिति स्थापित की।
उन्होंने कहा, "नवीनतम डेटा उपलब्धता और विश्लेषण के आधार पर, चार से अधिक खोजों के साथ 99.06 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को एक एकीकृत क्षेत्र विकास योजना (एफडीपी) में शामिल किया गया है, जिसमें अशोकनगर-1 की तेल और गैस खोज को विकसित करने के लिए 5.88 वर्ग किलोमीटर का ईडीपी क्षेत्र भी शामिल है। इस एकीकृत एफडीपी को भारत सरकार (जीओआई) द्वारा 10 जुलाई, 2024 को मंजूरी दी गई है।"
पुरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पीएमएल जारी करने के लिए अनुशंसा पत्र 29 अक्टूबर, 2024 को भेजा गया था। उन्होंने कहा, "एफडीपी (99.06 वर्ग किमी) के स्वीकृत क्षेत्र के लिए पीएमएल आवेदन ओएनजीसी द्वारा 5 नवंबर, 2024 को पश्चिम बंगाल सरकार को प्रस्तुत किया गया था।"
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