नयी दिल्ली, 10 फरवरी जीएसटी अधिकारियों ने वस्तुओं की आपूर्ति के बिना फर्जी बिल जारी कर 376 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) प्राप्त करने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की गुरुग्राम क्षेत्रीय इकाई ने रितेश अग्रवाल नाम के व्यक्ति को गलत तरीके से आईटीसी का लाभ लेने को लेकर गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने फर्जी कंपनियां बनायी और सिगरेट निर्यात दिखाकर आईजीएसटी रिफंड के जरिये अनुचित तरीके से आईटीसी का लाभ लिया।
हरियाणा के बहादुरगढ़ का रहने वाला अग्रवाल एसआर इम्पेक्स का मालिक है। वह वास्तव में दूसरी कंपनी एस आर इंटरनेशनल का भी कर्ता-धर्ता है।
जांच के दौरान पाया गया कि इस कंपनी की आपूर्ति श्रृंखला के तहत छह अन्य फर्जी कंपनिया बनायी गयीं। इन कंपनियों के नाम...जोल्स ट्रेडिंग कंपनी, एएस ट्रेडर्स, एआर ट्रेडर्स,ओम ट्रेडर्स, कैपिटल इंडिया और एस एम एंटरप्राइजेज... हैं।
बयान के अनुसार, ‘‘इन सभी कंपनियों के जरिये रितेश अग्रवाल ने फर्जी बिल के माध्यम से 376 करोड़ रुपये का आईटीसी का लाभ प्राप्त किया और उसे दूसरे को दिया। उसे विभाग से 37.13 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया।’’
अग्रवाल को नौ फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है।
पूर्व में एक अलग मामले में अग्रवाल को 26.53 करोड़ रुपये की मांग को लेकर कारण बताओ नोटिस दिया गया था। उसने समान तौर-तरीका अपनाया था और फर्जी कंपनी एसएस एंड कंपनी बनाकर गलत तरीके से आईटीसी का बेजा लाभ उठाया था।
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