मुंबई, 22 नवंबर मुंबई की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के ‘वोट के बदले नोट’ के एक मामले से संबंधित धनशोधन जांच में गिरफ्तार किये गये एक व्यक्ति को शुक्रवार को 29 नवंबर तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया।
इस केंद्रीय जांच एजेंसी ने अदालत को बताया कि आरोपी नागनी अकरम मोहम्मद शफी ‘मास्टरमाइंड’ है, जिसने एक सहकारी बैंक में 14 बैंक खाते खोले और हवाला लेनदेन की मदद से कथित फर्जी कंपनियों के खातों में 100 करोड़ रुपये अंतरित किए।
ईडी द्वारा जारी लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) के आधार पर पड़ोसी राज्य गुजरात के अहमदाबाद हवाई अड्डे पर बुधवार को आव्रजन अधिकारियों ने उसे हिरासत में लिया था।
अधिकारियों के अनुसार, वह दुबई भागने की कोशिश कर रहा था। बाद में उसे धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी ने गिरफ्तार कर लिया।
शफी को विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश ए सी डागा के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उसे जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ‘प्रथम दृष्टया अपराध में उसकी (शफी की) संलिप्तता का मामला बनता है।’’
इस संघीय एजेंसी ने पिछले सप्ताह मालेगांव के व्यापारी सिराज अहमद हारुन मेमन के खिलाफ दर्ज किये गये मामले में चुनावी राज्य महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्य गुजरात में छापेमारी की थी। मेमन पर कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए विभिन्न लोगों के बैंक खातों का दुरुपयोग करने का आरोप है।
महाराष्ट्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने मालेगांव के इस मामले को उठाया था और आरोप लगाया था कि विधानसभा चुनाव में वोट के बदले मतदाताओं को नकदी दी गई।
धनशोधन का यह मामला सात नवंबर को मालेगांव पुलिस द्वारा चाय और कोल्ड ड्रिंक एजेंसी संचालक मेमन और उसके कुछ सहयोगियों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है।
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