भुवनेश्वर, दो जनवरी ओडिशा के सतर्कता विभाग ने 2020 में 381 लोगों के खिलाफ 245 आपराधिक मामले दर्ज किए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन लोगों में 53 प्रथम श्रेणी के अधिकारी, 37 द्वितीय श्रेणी के अधिकारी और 76 निजी व्यक्ति शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने बीते साल आय से अधिक संपत्ति के 245 मामले दर्ज किए जिनमें से 93 मामले 93 सरकारी कर्मचारियों और 45 निजी व्यक्तियों द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने से जुड़ा हुआ है।
सूत्रों ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति से जुड़े 93 मामलों में कुल संपत्ति की कीमत 123.91 करोड़ रुपये है। 36 मामले ऐसे हैं जिनमें आय से अधिक संपत्ति का मूल्य एक करोड़ से चार करोड़ रुपये के बीच है।
अधिकारी ने बताया, ‘‘ आय से अधिक संपत्ति के कम से कम 24 मामले प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं जबकि 19 ऐसे मामले द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के खिलाफ पंजीकृत हैं।’’
उन्होंने बताया कि सतर्कता विभाग द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का सबसे बड़ा मामला भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के एक अधिकारी के खिलाफ दर्ज किया गया जिनके पास से 9.35 करोड़ रुपये की संपत्ति आय के ज्ञात स्रोत से अधिक मिली है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में आय से अधिक संपत्ति का पता लगाने के लिए ओडिशा सतर्कता विभाग के 150 अधिकारियों ने चार राज्यों में लगातार दो दिनों तक तलाशी एवं सत्यापन की कार्रवाई को अंजाम दिया।
उन्होंने बताया कि राज्य सतर्कता विभाग द्वारा यह अब तक का सबसे बड़ा तलाशी अभियान था।
अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा विभाग ने इस साल आठ सरकारी अधिकारियों (चार प्रथम श्रेणी के अधिकारी और चार द्वितीय श्रेणी के अधिकारी) के पास से 26,95,440 रुपये की बेनामी नकदी पकड़ी।
उन्होंने बताया कि सतर्कता विभाग ने 113 सरकारी अधिकारियों और दो निजी व्यक्तियों द्वारा कुल 16.62 लाख रुपये रिश्वत मांगने के 103 मामलों में कार्रवाई की, इनमें प्रथम श्रेणी के नौ, द्वितीय श्रेणी के 16, तृतीय श्रेणी के 80, चतुर्थ श्रेणी के चार और चार अन्य सरकारी कर्मचारी शामिल थे।
अधिकारी के मुताबिक, गत वर्ष 128 लोगों के खिलाफ सरकारी धन के गबन के 49 मामले दर्ज किए गए जिनमें 99 सरकारी कर्मचारी और 29 निजी व्यक्ति हैं और इन पर 15.83 करोड़ रुपये का हेरफेर करने का आरोप है।
अधिकारी ने बताया कि गत वर्ष सतर्कता विभाग ने 187 लोगों को गिरफ्तार किया जिनमें से 34 प्रथम श्रेणी के, 28 द्वितीय श्रेणी के, 106 तृतीय श्रेणी के और छह चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि प्रथम श्रेणी के एक अधिकारी, द्वितीय श्रेणी के दो अधिकारियों, तृतीय श्रेणी के 13 अधिकारियों एवं एक निजी व्यक्ति के दोषी ठहराए जाने के साथ ही 16 मामलों का पटाक्षेप हो गया। इस प्रकार इस साल 17 लोगों को दोषी ठहराया गया और अदालत द्वारा निपटाए गए मामलों में दोषी ठहराने की दर 46 प्रतिशत है।
ओडिशा में इस साल सर्तकता विभाग के मामलों में दोषी ठहराए गए 15 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया जिनमें प्रथम श्रेणी का एक अधिकारी, द्वितीय श्रेणी के तीन अधिकारी और तृतीय श्रेणी के 11 कर्मचारी शामिल हैं।
इसके अलावा सतर्कता विभाग के मामलों में दोषी ठहराए गए 16 सेवानिवृत्त नौकरशाहों की पेंशन रोकी गई।
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