नयी दिल्ली, 18 अगस्त वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा उच्चतम न्यायालय के 71 वर्ष के इतिहास में ऐसे छठे अधिवक्ता बन सकते हैं जिन्हें कॉलेजियम की सिफारिश पर बार से सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नत किया जा सकता है।
प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए केंद्र को जिन नौ नामों की सिफारिश की है जिनमें नरसिम्हा का नाम भी शामिल है जो पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल हैं।
यदि अनुशंसित नामों को नियुक्ति के लिए मंजूरी दे दी जाती है तो नरसिम्हा 1993 में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली के अस्तित्व में आने के बाद बार से सीधे पीठ में पदोन्नत होने वाले छठे वकील बन जाएंगे।
वर्ष 1993 के बाद, पांच वकीलों - एन संतोष हेगड़े, आर एफ नरीमन, यू यू ललित, एल एन राव और इंदु मल्होत्रा - बार से सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नत होने के बाद शीर्ष अदालत के न्यायाधीश बने।
न्यायमूर्ति ललित और न्यायमूर्ति राव उच्चतम न्यायालय में वर्तमान में न्यायाधीश हैं। न्यायमूर्ति ललित अगले साल 26 अगस्त को न्यायमूर्ति रमण के सेवानिवृत्त होने के बाद सीजेआई बनने की कतार में हैं।
कॉलेजियम प्रणाली के अस्तित्व में आने से पहले, तीन अधिवक्ताओं को बार से सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नत किया गया था।
न्यायमूर्ति एस एम सीकरी, जो जनवरी 1971 में 13वें सीजेआई बने थे, मार्च 1964 में सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में सीधे पदोन्नत होने वाले पहले वकील थे। अन्य दो वकील जिन्हें बार से सीधे शीर्ष अदालत की पीठ में पदोन्नत किया गया था, वे- न्यायमूर्ति सुबिमल चंद्र रॉय और न्यायमूर्ति कुलदीप सिंह थे।
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