![जरुरी जानकारी | सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल में गिरावट, सोयाबीन तिलहन में सुधार जरुरी जानकारी | सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल में गिरावट, सोयाबीन तिलहन में सुधार](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/04/default_03-380x214.jpg)
नयी दिल्ली, छह अगस्त विदेशों में खाद्य तेल-तिलहन का बाजार टूटने के बीच देश के तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों तेल-तिलहन और सोयाबीन तेल के दाम में गिरावट रही। वहीं मूंगफली तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रहीं। बरसात की वजह से कम आवक के बीच सोयाबीन तिलहन के दाम सुधार के साथ बंद हुए।
मलेशिया एक्सचेंज में 1.75 प्रतिशत तथा शिकॉगो एक्सचेंज में 1.5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है।
सूत्रों ने कहा कि विदेशों में कल रात सीपीओ, सोयाबीन और सूरजमुखी के दाम 990-1,000 डॉलर प्रति टन के लगभग रह गये है। इन तेलों के बीच का मूल्य अंतर लगभग एक समान हो चला है। सीपीओ का दाम 995 डॉलर टन है जबकि सूरजमुखी तेल का दाम लगभग 1,000 डॉलर टन रह चला है। इसी प्रकार सोयाबीन तेल का दाम 990 डॉलर टन है। इस घटे हुए थोक दाम के हिसाब से अब इन सभी खाद्य तेलों को खुदरा बाजार में उपभोक्ताओं को लगभग 100 रुपये लीटर के भाव मिलना चाहिये। अब खाद्य तेलों की महंगाई से दु:खी प्रवक्ताओं, समीक्षकों और तेल संगठनों को उपभोक्ताओं को सस्ते दाम पर खाद्य तेल सुलभ कराने पर ध्यान देना चाहिये। देश के खाद्य तेल मिलें तो अब नाउम्मीद हो चली हैं कि उनके पेराई वाले तेल कहां रखे जायेंगे, कम से कम उपभोक्ताओं को तो सस्ते खाद्य तेलों का लाभ मिलना चाहिये।
सूत्रों ने कहा कि नाफेड द्वारा सरसों की बिक्री की दिशा में पहल करने के बीच भी सरसों के दाम टूटे।
सूत्रों ने कहा कि बारिश की वजह से सोयाबीन तिलहन के दाम में सुधार है। वैसे कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बनी हुई है। लेकिन सस्ते आयातित सोयाबीन तेल के सामने देशी सोयाबीन बेपड़ता बैठता है क्योंकि देशी सोयाबीन तेल की लागत अधिक है।
उन्होंने कहा कि वैसे मंडियों में सरसों की आवक भी बढ़ी है। कल के 2.60 लाख बोरी के मुकाबले आज लगभग 3.00 लाख बोरी सरसों की आवक हुई। गुजरात में पुराने बचे सरसों की बिक्री 5,100-5,150 रुपये क्विंटल के भाव और राजस्थान में सरसों की बिक्री 5,400-5,500 रुपये क्विंटल के भाव हुई है।
सूत्रों ने कहा कि अब तेल संगठनों, सरकार और सभी समीक्षकों को सस्ते आयातित तेल के थोक दाम के टूटे होने के बाद घरेलू खुदरा बाजार में उपभोक्ताओं को सस्ता खाद्य तेल उपलब्ध कराने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिये।
तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन - 5,850-5,900 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली - 6,425-6,700 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) - 15,525 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,315-2,615 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 11,475 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,860-1,960 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,860-1,985 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी - 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,750 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,400 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,675 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,400 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,825 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,925 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना - 4,465-4,485 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,275-4,400 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,125 रुपये प्रति क्विंटल।
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