नई दिल्ली: अगले साल होने वाले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) की तैयारियों की रूपरेखा तय करने और संगठन को दुरुस्त करने के लिए बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने दोनों राज्यों के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भाजपा के पुराने मुख्यालय 11, अशोक रोड में हुई इन अलग-अलग बैठकों का उद्देश्य अगले साल दोनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के संबंध में भाजपा की तैयारियों का जायजा लेना और आगे की रणनीति तैयार करना था. MP: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का बड़ा आरोप, कहा- भाजपा सरकार ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए
ज्ञात हो कि इन दोनों ही राज्यों के पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. मध्य प्रदेश को लेकर हुई इस बैठक में नड्डा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, मध्य प्रदेश मामलों के भाजपा के केंद्रीय प्रभारी मुरलीधर राव, पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी एल संतोष और प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा शामिल हुए.
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब मध्य प्रदेश में मंत्रिपरिषद विस्तार और पार्टी के राज्य संगठन में फेरबदल की अटकलें हैं. मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद में चार पद फिलहाल खाली हैं. बैठक में मौजूद एक नेता ने बताया कि इन दोनों मुद्दों पर बैठक में चर्चा नहीं (रिपीट) नहीं हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस दौरान मध्य प्रदेश में चुनावी वर्ष में सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लेकर चर्चा की गई.
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क बनाने और उन्हें साधने को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई. उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा की सत्ता में वापसी के लिए मुफ्त अनाज योजना, आवास योजना सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों का समर्थन मिलने को एक बड़ा कारण माना जाता है.
ज्ञात हो कि वर्ष 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़े कम अंतर से हार का सामना करना पड़ा था और वहां कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी. हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस का एक धड़ा बाद में भाजपा में शामिल हो गया और फिर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी.
छत्तीसगढ़ के सिलसिले में हुई बैठक में नड्डा और संतोष के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पार्टी महासचिव व छत्तीसगढ़ की प्रभारी डी पुरंदेश्वरी और प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय शामिल हुए. छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा था. इसके उपचुनावों में भी उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पार्टी का जनाधार बढ़ाने और खिसके हुए वोटवैंक को वापस लाने की रणनीति पर चर्चा हुई. इस साल के अंत में और अगले साल जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, नड्डा अभी से इनकी तैयारियों में लग गए हैं . इसी महीने उन्होंने ऐसी ही एक बैठक राजस्थान के नेताओं से की थी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कुछ अन्य नेता शामिल हुए थे.
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