देश की खबरें | मणिपुर पुलिस विरोध प्रदर्शन के दौरान अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल पर चिंतित

इंफाल, 15 सितंबर मणिपुर पुलिस ने रविवार को विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त की और प्रदर्शनकारियों से अपनी बात रखने के लिए ऐसे हथियारों का इस्तेमाल करने से परहेज करने का आग्रह किया।

रेंज 1 के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) एन. हीरोजीत सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘’हम जनता को याद दिलाना चाहते हैं कि पुलिस विभाग का कर्तव्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना और बदमाशों द्वारा किए जाने वाले सशस्त्र हमलों पर प्रतिक्रिया देना है। इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान हमारे कई कर्मी हताहत हुए हैं।”

विरोध प्रदर्शन की रणनीति में आए बदलाव पर प्रकाश डालते हुए डीआईजी ने कहा कि हाल के आंदोलनों में, विरोध के तरीकों में बदलाव आया है और सुरक्षा बलों को निशाना बनाया जा रहा है।

उनके मुताबिक, प्रदर्शनकारी पत्थरबाजी, गुलेल से लोहे के टुकड़े फेंकना, आंसू गैस के गोले दागना और स्वचालित आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं।”

उन्होंने दावा किया, “हमारे पास विरोध प्रदर्शनों के दौरान स्वचालित हथियारों से गोलीबारी के सबूत हैं। हाल में खाबेइसोई में स्वचालित हथियारों से गोलीबारी में इंफाल ईस्ट कमांडो के एक अधिकारी और एक अन्य कर्मी घायल हो गए। इंफाल पश्चिम जिले के काकवा में स्वचालित हथियारों से गोलीबारी के निशान हमारे वाहनों पर हैं।”

संयम बरतने का अनुरोध करते हुए सिंह ने कहा,“हम यह कहना चाहते हैं कि पुलिस बल प्रदर्शनकारियों से निपटने में अधिकतम संयम बरतता है। हालांकि स्वचालित हथियारों की गोलीबारी के जवाब में पुलिस की ओर से कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन हमारे पास ऐसी रिपोर्ट हैं कि जब हम न्यूनतम, गैर-घातक दंगा-रोधी उपायों का उपयोग करते हैं, तो प्रदर्शनकारी घायल हो जाते हैं।”

गैर-स्थानीय प्रदर्शनकारियों के मुद्दे पर डीआईजी ने कहा, “विरोध प्रदर्शनों के दौरान हमने इलाके के बाहर से आए लोगों को हिरासत में लिया है। हम लोगों से आग्रह करते हैं कि वे अपनी मांगों के लिए लोकतांत्रिक और अहिंसक तरीकों का इस्तेमाल करें। अत्यधिक संवेदनशील इलाकों में घुसने और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

उन्होंने कहा, “पुलिस समुदाय का हिस्सा है, दुश्मन नहीं। पुलिस को निशाना बनाने और उन पर हमला करने के उद्देश्य से किए जाने वाले विरोध प्रदर्शनों को तुरंत बंद कर देना चाहिए।’’

सिंह ने विरोध प्रदर्शनों की लाइव कवरेज न करने की भी सलाह दी क्योंकि इससे अन्य लोग भी इसमें शामिल होने के लिए उकसा सकते हैं।

उन्होंने कहा, “कानून-व्यवस्था के बिना समाज काम नहीं कर सकता। अगर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के पारंपरिक तरीके विफल हो जाते हैं और वैकल्पिक उपायों का उपयोग किया जाता है, तो यह सभी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा।”

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