नयी दिल्ली, 16 अगस्त रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को झारखंड के सिंदरी और बिहार के बरौनी में बंद यूरिया इकाइयों के पुनरुद्धार की प्रगति की समीक्षा की।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्री ने हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूएआरएल) - सिंदरी और बरौनी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि केंद्र जल्द ही इन संयंत्रों से यूरिया का उत्पादन शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन दोनों कारखानों से यूरिया के उत्पादन में प्रतिवर्ष 25 लाख टन से अधिक की वृद्धि होगी। इससे इतनी ही मात्रा में यूरिया के आयात में कमी लाने में मदद मिलेगी।
मांडविया ने अमोनिया/यूरिया के उत्पादन के लिए कोयला गैसीकरण प्रौद्योगिकी पर आधारित देश के पहले यूरिया संयंत्र तालचर फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (ओड़िशा) की प्रगति की भी समीक्षा की।
तालचर संयंत्र की उत्पादन क्षमता 12.7 लाख टन सालाना होगी। इस संयंत्र के वर्ष 2024 में चालू होने की उम्मीद है।
मांडविया ने कहा कि इन संयंत्रों से स्वदेशी यूरिया का उत्पादन ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार के इन प्रयासों से देश यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा। साथ ही प्रत्येक कारखानों में प्रत्यक्ष रूप से 500 और परोक्ष रूप से 1,500 रोजगार सृजित होंगे।
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