ठाणे, 16 दिसंबर महाराष्ट्र के ठाणे की एक अदालत ने 2017 में एक महिला से बलात्कार के 44 वर्षीय एक आरोपी को बरी कर दिया।
दोषमुक्त किया गया व्यक्ति निजी तौर पर ट्यूशन पढ़ाने का काम करता है।
जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए एस पंढरीकर ने नौ दिसंबर को दिए अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के विरुद्ध आरोप साबित करने में असफल रहा इसलिए उसे बरी किया जाता है।
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि पीड़िता, घटना से दो महीने पहले जलगांव से यहां कालवा में अपने एक रिश्तेदार के घर आई थी क्योंकि महिला का पति बेरोजगार था।
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महिला अपने रिश्तेदार की चार साल की बच्ची को आरोपी के घर ट्यूशन के लिए लेकर जाती थी।
महिला, 12 अगस्त 2017 को जब बच्ची को लेने आरोपी के घर पर पहुंची तो आरोपी ने उसे रुकने को कहा।
ट्यूशन पढ़ने वाले सभी बच्चों के जाने के बाद आरोपी ने महिला से चाय बनाने को कहा।
अभियोजन पक्ष ने अदालत में कहा कि महिला द्वारा चाय बनाने से मना करने पर आरोपी उसे रसोई में ले गया और कथित तौर पर उसका बलात्कार किया।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन द्वारा कही गई यह बात विश्वास के योग्य नहीं है कि पीड़िता चिल्ला रही थी और घटनास्थल भीड़भाड़ वाली जगह है।
न्यायाधीश ने कहा, “ऐसी परिस्थितियों में यह विश्वास करने लायक नहीं है कि किसी ने पीड़िता की आवाज नहीं सुनी। जिस प्रकार का घटनाक्रम बताया जा रहा है वह विश्वास करने योग्य नहीं है।”
उन्होंने कहा, “इसलिए मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर अभियोजन पक्ष की दलील को पूर्ण सत्य नहीं माना जा सकता।”
न्यायाधीश ने कहा कि साक्ष्यों के अभाव में इस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता कि अभियोजन पक्ष अपनी बात को सिद्ध करने में सफल हुआ है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी निगेटव है।
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