भिवंडी (पूर्व) के विधायक ने मतदान के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 20 नवंबर को हुए चुनाव में 38 में से 21 सीटें जीतीं, जहां मुस्लिम आबादी 20 प्रतिशत से 52 प्रतिशत के बीच है।
शेख ने यहां एक बयान में कहा कि जीतने वाले अधिकांश उम्मीदवार हिंदू थे।
उन्होंने आरोप लगाया, “अगर 'वोट जिहाद' होता, तो ऐसा नहीं होता। कुछ महायुति उम्मीदवार 1,500 वोटों के अंतर से जीते। लेकिन 'वोट जिहाद' के दावे का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने के लिए किया गया है।”
सपा विधायक ने कहा कि वह स्वयं मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र में 52,000 मतों के अंतर से जीते, जिनमें 18,000 मत हिंदुओं के थे।
उन्होंने कहा कि भाजपा के 'बटेंगे तो कटेंगे' और 'एक हैं तो सेफ हैं' जैसे 'विभाजनकारी नारे' का मतदाताओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर, मुस्लिम उम्मीदवार हसन मुश्रीफ और अब्दुल सत्तार क्रमशः हिंदू बहुल कागल और सिल्लोड सीट से जीते।
शेख ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र की आबादी में मुस्लिम 11.56 प्रतिशत हैं, लेकिन नयी विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व केवल 3.47 प्रतिशत है।
चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस ने विपक्ष पर मतदाताओं के ध्रुवीकरण के प्रयास का आरोप लगाया था और कहा था कि अगर 'वोट जिहाद' है, तो इसका मुकाबला वोटों के 'धर्म युद्ध' से किया जाना चाहिए।
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