नयी दिल्ली, 19 दिसंबर संसद परिसर में सांसदों के बीच ‘धक्का-मुक्की’ को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस नेताओं द्वारा दी गई शिकायतों की जांच में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
अधिकारियों ने कहा कि संसद परिसर के संरक्षक होने के नाते, परिसर के भीतर किसी भी मामले की जांच के लिए लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति की आवश्यकता होगी।
इस पूरे प्रकरण के दायरे में आए संसद सदस्य विशेषाधिकार हनन की कार्यवाही का सहारा ले सकते हैं और लोकसभा और राज्यसभा के पीठासीन अधिकारियों से इन पर कार्यवाही का आग्रह कर सकते हैं।
प्रक्रिया के नियमों के अनुसार, सदन को अपने सदस्यों को उनके कदाचार के लिए दंडित करने का अधिकार है।
सदन अपने सदस्यों के आचरण की जांच करने के अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करता है, चाहे वह आचरण सदन के अंदर हो या बाहर।
सदन को अपने सदस्यों को अशोभनीय आचरण और अवमानना के कृत्यों के लिए दंडित करने की भी शक्ति है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)