मुंबई, 16 मार्च महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान मराठा आरक्षण की मांग, बड़ी अवसंरचना परियोजनाएं और किसानों की समस्याएं प्रमुख मुद्दों के तौर पर राजनीतिक विमर्श के केंद्र में रह सकती हैं।
उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र संसद के निचले सदन में सर्वाधिक सदस्य चुनकर भेजता है। राज्य में पांच चरणों में- 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई और 20 मई को मतदान होगा।
मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाले राज्य के 2018 अधिनियम को उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द किये जाने के बाद से मराठा आरक्षण की मांग राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर हावी रही है।
विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार एक संविधान संशोधन लाकर आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को समाप्त कर दे।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मांग की है कि पूरे मराठा समुदाय को कुनबी के रूप में चिह्नित कर ओबीसी श्रेणी में आरक्षण दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और ओबीसी के बड़े चेहरे छगन भुजबल ने इस मांग का विरोध करते हुए कहा है कि मराठा समुदाय को ओबीसी आरक्षण में हिस्सेदारी नहीं मिलनी चाहिए।
एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना-राकांपा और भाजपा की सरकार आरक्षण की मांग पर सहानुभूति पूर्ण रुख अख्तियार करते रहे हैं, लेकिन भुजबल इसके एकदम खिलाफ हैं।
महाराष्ट्र की जनसंख्या में 34 प्रतिशत हिस्सेदारी ओबीसी की है, वहीं मराठा 28 प्रतिशत हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राज्य में परंपरागत रूप से ओबीसी भाजपा और शिवसेना का समर्थन करते रहे हैं, वहीं मराठाओं ने कांग्रेस और राकांपा का समर्थन किया है। लेकिन 2014 के बाद से मराठा समुदाय का बड़ा वर्ग भाजपा की ओर चला गया।
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन अपने कार्यकाल में पूर्ण या आंशिक रूप से पूरी की गई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उल्लेख अवश्य करेगा, जिनमें 701 किलोमीटर लंबा मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे, 21.8 किलोमीटर लंबा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल), मुंबई तटीय सड़क और मेट्रो रेल परियोजनाएं शामिल हैं।
सरकार मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में अवरोधों को दूर करने तथा मुंबई से शिर्डी, सोलापुर और जालना के लिए वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाने का श्रेय भी लेगी।
‘नमो शेतकरी महा सम्मान’ योजना के तहत किसानों को अतिरिक्त धन का भुगतान भी सत्तारूढ़ गठजोड़ के प्रचार अभियान के मुद्दों में शामिल होगा।
विपक्ष ने सरकार पर किसानों की खुदकुशी रोकने और पर्याप्त एमएसपी देने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया है।
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