देश की खबरें | उपराज्यपाल ने कोविड-19 से निपटने के लिए सुझाव देने के वास्ते एक समिति का गठन किया
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नयी दिल्ली, 12 जून राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी से प्रभावशाली तरीके से निपटने के वास्ते सुझाव देने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का शुक्रवार को गठन किया। इसमें भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव को भी शामिल किया गया है।

दिल्ली में कोविड-19 के लिए निर्दिष्ट लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों के बगल में शव रखे होने के दृश्यों को गंभीरता से लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सख्त लहजे में कहा कि यह सरकारी अस्पतालों की दयनीय हालत बयां कर रहे हैं।

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बैजल दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के अध्यक्ष हैं।

भार्गव के अलावा इस छह सदस्यीय समिति में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कृष्ण वत्स और कमल किशोर, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया, डीजीएचएस के अतिरिक्त डीडीजी डॉ. रवींद्रन और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के निदेशक सुरजीत कुमार सिंह शामिल हैं।

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने और दिल्ली में कोविड-19 स्थिति पर दोनों नेताओं के चर्चा करने के दो दिन बाद यह कदम उठाया गया है।

दिल्ली में अब तक कोविड-19 के 34,867 मामले सामने आए हैं और बृहस्पतिवार को इस महामारी के 1,877 मामले सामने आये थे। मृतकों की संख्या 1,085 है।

एक सूत्र ने बताया कि उच्च स्तरीय समिति कोविड-19 प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर डीडीएमए को सलाह देगी।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बृहस्पतिवार को कहा था कि यह एक ‘‘युद्ध जैसी स्थिति’’ है और शहर सरकार बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने के लिए अधिक डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी।

जैन ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में फिर से लॉकडाउन लगाने की संभावना को खारिज किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लॉकडाउन को नहीं बढ़ाया जायेगा।

इसके बाद उपराज्यपाल कार्यालय ने एक बयान में कहा कि समिति देश और दुनियाभर से सर्वश्रेष्ठ गतिविधियों के उदाहरण भी उपलब्ध करायेगी।

केजरीवाल ने हाल में दावा किया था कि यदि इलाज के लिए अन्य राज्यों के लोग राष्ट्रीय राजधानी में आना शुरू करते हैं तो दिल्ली को 31 जुलाई तक 1.5 लाख बिस्तरों की जरूरत होगी।

उपराज्यपाल द्वारा गठित एक अन्य समिति ने मामलों के बढ़ने की स्थिति में प्रगति मैदान, तालकटोरा स्टेडियम, इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम का अस्थायी कोविड-19 परिसरों के रूप में इस्तेमाल किये जाने की सलाह दी है।

समिति ने इस उद्देश्य के लिए त्यागराज इंडोर स्टेडियम और ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम का इस्तेमाल करने का भी सुझाव दिया है।

उपराज्यपाल ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 स्थिति से निपटने के लिये बिस्तरों की संख्या और मेडिकल संसाधन बढ़ाना शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए।

उन्होंने यह सुनिश्चित किए जाने पर बल दिया कि संक्रमण के मामलों के बढ़ने के साथ शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराए नहीं।

बैजल ने केजरीवाल, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य संक्रमण की चेन को तोड़ना और आबादी में संक्रमण की दर को और कोविड-19 से होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है।’’

न्यायमूर्ति अशोक भूषण , न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से मामले की सुनवाई करते हुये कोविड-19 की जांच करने होने पर दिल्ली सरकार से सवाल किया।

पीठ ने पूछा, ‘‘जांच की संख्या एक दिन में सात हजार से पांच हजार क्यों हो गई है?”

पीठ ने दिल्ली में कम कोविड जांच पर आश्चर्य व्यक्त किया और सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि ‘‘सरकारी और निजी प्रयोगशाला में होने वाली जांच की रफ्तार बढ़ायी जाये क्योंकि मरीजों की जांच नहीं करना समस्या का समाधान नहीं है।’’

उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी को लेकर विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने आप सरकार की निंदा की।

कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने कोविड-19 से निपटने के संबंध में दिल्ली सरकार पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को दावा किया कि देश की शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस महामारी से निपटने में विफल रही अरविंद केजरीवाल सरकार को आईना दिखाया है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘ न्यायालय ने केजरीवाल सरकार को एक आईना दिखाया है, जो कोरोना कोरोना महामारी की वजह से उत्पन्न स्थिति से निपटने विफल रही है। दिल्ली में कोविड-19 महामारी की सही स्थिति का आकलन करने के लिए जांच का दायरा बढ़ाने के बजाय दिल्ली सरकार जांच सुविधाओं को संकुचित कर रही है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में कोरोना वायरस की जांच की संख्या को लगातार कम किया है।

इस बीच शाहदरा के जिला मजिस्ट्रेट संजीव कुमार ने जीटीबी अस्पताल के अधिकारियों को कोरोना वायरस मरीजों की सुविधा के लिए हेल्पडेस्क और एलईडी स्क्रीन लगाने का निर्देश दिया।

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