पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कोरोना वायरस महामारी के दौरान आधिकारिक बंगले में ‘‘चादर तानकर सोने’’ का आरोप लगाया, जिसपर उपमुख्यमंत्री तथा भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने तीखा पलटवार किया. चारा घोटाले में जेल की सजा काट रहे लालू के ट्विटर हैंडल से उनके चिरपरिचित भोजपुरी अंदाज में ट्वीट कर कुमार पर निशाना साधा गया.
ट्वीट में कहा गया, ''मुख्यमंत्री सामने से नेतृत्व कर रहे हैं या फिर घर में चादर तान कर सो रहे हैं? 4 महीने में 4 बार भी नीतीश लोग के बीच नहीं गए. बेरोजगारी,भुखमरी,घूसखोरी,अपराध से जनता त्रस्त है और नीतीश सुशासन का मुखौटा पहनकर लीपा-पोती में लगे हैं. बिहार का हाल देखकर हमारा दिल रोता है.''
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री तथा लालू की पत्नी राबड़ी देवी ने ट्वीट किया, ''बाढ़,कोरोना,इलाज का अभाव,जल जमाव, ग़रीबी,पलायन,बेरोज़गारी समेत अनेक समस्याओं से बिहार त्राहिमाम कर रहा है लेकिन सूबे के मुखिया की कोई खोज खबर नहीं. इतना टोकने के बाद 100 दिन उपरांत अतिथि भूमिका में अवतरित हुए थे लेकिन फिर अदृश्य हो गए. संकट की घड़ी में मुख्यमंत्री को लोगों के बीच रहना चाहिए.''
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दोनों नेताओं के इन आरोपों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने पटलवार करते हुए ट्वीट किया, ''जब कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हर किसी को घर से काम करने के लिए कहा जा रहा है और लॉकडाउन की अवधि बढ़ानी पड़ी है, तब मुख्यमंत्री सहित सभी जिम्मेदार लोग नियमों का पालन कर रहे हैं. दूसरी तरफ लालू प्रसाद और राबड़ी देवी रोज नीतीश कुमार को शारीरिक दूरी मिटा कर जनता के बीच जाने की सलाह दे रहे हैं.''
उप मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी हैरत जतायी कि लालू एवं राबड़ी अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव को भी यह राय क्यों नहीं दे रहे हैं जो देश में पहली बार लॉकडाउन लागू होने के समय पर लंबे समय तक राज्य से बाहर रहे थे.
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