रायपुर, नौ मई छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सभी नगरीय क्षेत्रों में 'कृष्ण कुंज' विकसित करने का फैसला किया है जिसमें सांस्कृतिक महत्व वाले जीवनोपयोगी वृक्षों का रोपण किया जाएगा।
राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को यहां बताया कि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में 'कृष्ण कुंज' विकसित किए जाएंगे। कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, नीम और कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के जीवनोपयोगी वृक्षों का रोपण किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों इसके लिए वन विभाग को न्यूनतम एक एकड़ भूमि का आबंटन करने का निर्देश दिया है। आगामी कृष्ण जन्माष्टमी के दिन राज्य में 'कृष्ण कुंज' के लिए चिन्हित स्थल पर वृक्षारोपण शुरूआत की जाएगी।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने 'कृष्ण कुंज' के माध्यम से वृक्षारोपण को जन अभियान बनाने की पहल करते हुए कहा है कि हमारे देश में बरगद, पीपल, नीम, कदंब तथा अन्य वृक्षों की पूजा करने की अत्यंत प्राचीन परंपरा है।
बघेल ने कहा कि मनुष्य के लिये वृक्षों की अत्यधिक उपयोगिता होने के कारण ही हमारी परंपराओं में इन्हें महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। लेकिन विगत वर्षों में नगरीय क्षेत्रों का तीव्र विकास होने के कारण वृक्षों की हो रही अंधाधुंध कटाई से वृक्षों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है।
उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति जारी रही तो कदाचित भावी पीढ़ियों को इन वृक्षों के परंपरागत महत्व के बारे में जानकारी तक नहीं हो सकेगी, इसलिये वृक्षों की अमूल्य विरासत का संरक्षण हम सबका परम कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत आवश्यक है कि मनुष्य के लिये जितने भी जीवनोपयोगी वृक्ष हैं, उन्हें सभी नगरीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लगाया एवं संरक्षित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को नगरीय क्षेत्रों में ऐसे सांस्कृतिक महत्व वाले जीवनोपयोगी वृक्षों के रोपण के लिए उपयुक्त न्यूनतम एक एकड़ शासकीय भूमि का आबंटन तत्काल वन विभाग को करने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि वृक्षारोपण को जन जन से और अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोडने तथा विशिष्ट पहचान देने के लिये इसका नाम 'कृष्ण कुंज' रखा जाए।
उन्होंने कहा है कि वन विभाग द्वारा आबंटित भूमि को विकसित करते हुए कार्यवाही इस प्रकार की जाए कि आगामी कृष्ण जन्माष्टमी के दिन राज्य में 'कृष्ण कुंज' में वृक्षों के रोपण का कार्य विधिवत प्रारंभ किया जा सके।
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