तिरुवनंतपुरम, 31 दिसंबर वायनाड में हुए भूस्खलन को ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ घोषित करने में पांच महीने का समय लेने के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए केरल के मंत्री के. राजन ने मंगलवार को कहा कि आपदा के दो महीने के अंदर यह ऐलान कर दिया जाता तो यह अधिक लाभदायक होता।
राज्य सरकार को सोमवार को केंद्र से एक आधिकारिक पत्र मिला जिसमें बताया गया है कि वायनाड में हुए भूस्खलन को “गंभीर प्रकृति” की आपदा घोषित किया गया है ।
राजन ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार आपदा के दो महीने के भीतर घोषणा कर देती तो यह अधिक लाभकारी होता।
मंत्री ने कहा, “हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि केंद्र को ऐसी घोषणा करने में पांच महीने से अधिक समय क्यों लगा।”
उन्होंने कहा कि अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम द्वारा आपदा के एक महीने के अंदर केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दिए जाने के बावजूद, केंद्र की उच्च स्तरीय समिति भूस्खलन को गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित करने के मामले को दबाकर बैठी रही।
राजन ने कहा कि केंद्र ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 13 के तहत आपदा प्रभावित लोगों के ऋण माफ करने तथा उनके पुनर्वास के लिए नए ऋण उपलब्ध कराने की राज्य की मांग पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
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