
कोच्चि, 3 मार्च : केरल उच्च न्यायालय ने कन्नूर के पूर्व एडीएम (अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट) नवीन बाबू की मौत के मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी. न्यायालय ने यह आदेश एकल पीठ के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान दिया जिसमें बाबू की पत्नी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया गया था. उस याचिका में बाबू की कथित आत्महत्या के मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने का अनुरोध किया गया था.
बाबू के परिवार ने संवाददाताओं से कहा कि वे केरल पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच से संतुष्ट नहीं हैं और वे संभवत: उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करेंगे. केरल उच्च न्यायालय ने छह जनवरी को बाबू के परिवार की याचिका खारिज कर दी थी. अदालत ने पुलिस उपमहानिरीक्षक (कन्नूर) को मामले में जारी एसआईटी जांच की निगरानी करने का आदेश दिया था. कन्नूर जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष पी पी दिव्या द्वारा बाबू के विदाई समारोह में उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता पिछले वर्ष 14 अक्टूबर को बाबू के विदाई समारोह में कथित रूप से बिना निमंत्रण के शामिल हुई थीं. यह भी पढ़ें : Himani Narwal Murder Case: पैसों के लेन-देन की बात गलत, मेरी बेटी के आरोपी को मिले सजा-ए-मौत; हिमानी नरवाल की मां
इस दौरान उन्होंने चेंगलाई में पेट्रोल पंप की मंजूरी में कई महीनों की देरी को लेकर बाबू की आलोचना की थी और टिप्पणी की थी कि उन्होंने (बाबू ने) अपने तबादले की सूचना मिलने के दो दिन बाद ही इसकी मंजूरी दे दी. माकपा नेता ने संकेत दिया था कि वह अचानक यह मंजूरी देने के कारणों से अवगत थीं. बाद में इस घटना के संबंध में पुलिस ने दिव्या को गिरफ्तार कर लिया था. बाबू की पत्नी मंजूषा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दावा किया था कि जांच सही दिशा में आगे नहीं बढ़ रही है. उन्होंने आरोप लगाया था कि आरोपी दिव्या का राजनीतिक प्रभाव है, जिससे जांच में बाधा पहुंचने की आशंका है.