तिरुवनंतपुरम, तीन जनवरी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केरल इकाई के सचिव एम वी गोविंदन ने मंदिरों में सदियों पुराने रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को संरक्षित किए जाने के नायर सर्विस सोसाइटी के महासचिव जी सुकुमारन नायर के बयान की निंदा की है।
गोविंदन ने शुक्रवार को माकपा के कोट्टायम जिला सम्मेलन में कहा, ‘‘ उन्हें (सुकुमारन नायर को) याद रखना चाहिए कि एनएसएस के संस्थापक मन्नथु पद्मनाभन अप्रचलित रीति-रिवाजों के खिलाफ लड़ाई लड़कर एक महान समाज सुधारक के रूप में उभरे थे।’’
उन्होंने कहा कि एनएसएस संस्थापक ने सदैव प्रगतिशील मूल्यों को कायम रखा और अग्रणी सामुदायिक संगठन का नेतृत्व करते हुए दलितों के अधिकारों के लिए खड़े रहे।
सुकुमारन नायर ने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन की तीखी आलोचना की है, क्योंकि विजयन ने शिवगिरी मठ के प्रमुख स्वामी सच्चिदानंद के इस बयान का समर्थन किया था कि मंदिरों को पुरुष श्रद्धालुओं को कमीज पहनने की अनुमति नहीं देने की परंपरा छोड़ देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने स्वामी सच्चिदानंद के रुख का स्वागत करते हुए कहा था कि बदलते समय के अनुसार ऐसी प्रथाओं से बचा जा सकता है।
नायर ने कहा था कि एनएसएस सदियों पुराने रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को बदलने के खिलाफ है और साथ ही मुख्यमंत्री को चुनौती दी थी कि अगर उनमें हिम्मत है, तो वह अन्य धर्मों के रीति-रिवाजों पर हमला करके दिखाएं।
इस बीच, केरल योगक्षेम सभा के अध्यक्ष अक्कीरामन कालिदासन भट्टाथिरिपाद ने एनएसएस के रुख का स्वागत किया और कहा कि मंदिरों में रीति-रिवाजों और प्रथाओं का निर्णय तंत्रियों और पूजा स्थलों से जुड़े अन्य लोगों द्वारा किया जाना चाहिए।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)