देश की खबरें | सीआरपीएफ के पूर्व डीजी प्रकाश मिश्रा ने किताब में हल्के फुल्के पल को किया याद

नयी दिल्ली, पांच जनवरी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी प्रकाश मिश्रा ने अपना पूरा करियर विरोध प्रदर्शन और हिंसा जैसी खतरनाक स्थितियों से निपटने में बिताया। अब, सेवानिवृत्त होने के नौ साल बाद, वह अपनी आत्मकथा में वर्दी में जीवन के हल्के-फुल्के पहलू की झलक दिखाएंगे।

किताब ‘‘कॉमेडी इन खाकी: द ह्यूमरस मेमोयर्स ऑफ ए पुलिसमैन’’ में एक ‘‘अजीब बॉस’’ के बारे में किस्से हैं जो बैठक में गुलाबी नैपकिन को देखकर भौंहें चढ़ा देता है और कैसे एक युवा मिश्रा स्कूल और प्रशिक्षण के दौरान दोस्तों और शिक्षकों के साथ शरारत करता था।

इस किताब का 11 जनवरी को दिल्ली में विमोचन होगा।

किताब में बताया गया है कि कैसे ओडिशा के एक जिलाधिकारी का बेटा ‘‘हंसना पसंद करता था, यहां तक ​​कि मूर्खतापूर्ण बातों पर भी, जिससे दूसरों को बहुत परेशानी होती थी।’’

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1977 बैच के अधिकारी मिश्रा 2016 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी) के पद से सेवानिवृत्त हुए। तीन लाख से अधिक कर्मियों वाला यह दुनिया का सबसे बड़ा अर्द्धसैन्य बल है।

उन्होंने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का नेतृत्व करने के अलावा ओडिशा में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के रूप में भी कार्य किया तथा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और केंद्रीय गृह मंत्रालय में भी कार्य किया।

मिश्रा ने अपनी किताब में लिखा है, ‘‘पुलिस के ऐसे माहौल में, जहां गंभीरता अक्सर जीवन की खुशियों पर हावी हो जाती है, ‘कॉमेडी इन खाकी’ हमें हास्य की शक्ति और हंसी के महत्व की याद दिलाती है।’’

यह किताब, विश्व भर के विभिन्न प्रकाशनों में प्रकाशित होने वाले ‘‘कॉमेडी इन खाकी’’ स्तंभों की तर्ज पर है, जिसमें पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी द्वारा स्कूल में, राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण के दौरान तथा ओडिशा पुलिस में विभिन्न कार्यकालों के दौरान विभिन्न प्रकार के मनुष्यों और परिस्थितियों के बारे में अनुभव, चिंतन और अवलोकन शामिल हैं।

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