नयी दिल्ली, एक जनवरी आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत को पत्र लिखकर भाजपा पर दिल्ली में मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने और पैसे बांटने का आरोप लगाया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि भागवत को लिखा गया उनका पत्र उनकी “राजनीतिक हताशा” और अगले महीने होने वाले चुनावों में “हार के डर” को दर्शाता है।
दिल्ली में सत्तारूढ़ ‘आप’ और विपक्षी भाजपा के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया है और दोनों पक्षों के प्रमुख नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
केजरीवाल ने भागवत से उन खबरों पर स्पष्टीकरण मांगा है जिनमें कहा गया है कि आरएसएस दिल्ली चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार करेगा।
उन्होंने भागवत को लिखे पत्र में कहा है, “मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि आरएसएस दिल्ली चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार करेगा। क्या यह सच है? इससे पहले, लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या आरएसएस भाजपा द्वारा हाल ही में उठाए गए गलत कदमों का समर्थन करता है?”
‘आप’ संयोजक ने 30 दिसंबर को लिखे अपने पत्र में कई सवाल उठाए और पूछा कि क्या आरएसएस भाजपा नेताओं द्वारा वोट ‘खरीदने’ के लिए खुलेआम पैसे बांटे जाने और भाजपा द्वारा पूर्वांचली और दलित मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से ‘बड़े पैमाने पर हटाए’ जाने का समर्थन करता है।
हाल के महीनों में केजरीवाल द्वारा भागवत को लिखा गया यह दूसरा पत्र है। सितंबर में आरएसएस प्रमुख को लिखे गए पिछले पत्र में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधते हुए पार्टी की राजनीति पर सवाल उठाए थे।
भाजपा ने ‘आप’ और केजरीवाल पर अवैध रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशियों को दस्तावेज और पैसे देकर दिल्ली में रहने में मदद करने का आरोप लगाया है, ताकि चुनावों में उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव फरवरी में होने हैं।
केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि पूर्वांचलियों, दलितों और झुग्गीवासियों सहित लोगों के वोट बड़े पैमाने पर मतदाता सूची से हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं और भागवत से पूछा कि क्या भाजपा इस तरह से देश के लोकतंत्र को कमजोर नहीं कर रही है?
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि वह ‘‘नाटक कर रहे हैं, क्योंकि दिल्ली की जनता उनसे उनके झूठ, अवसरवाद और विकास एवं सुधार की शहरवासियों की उम्मीदों को पूरा करने में नाकाम रहने को लेकर जवाब चाहती है।”
सचदेवा ने केजरीवाल से पूछा कि क्या उन्होंने अमेरिका और कनाडा की “संदिग्ध संस्थाओं” से धन प्राप्त करने और दिल्ली में अवैध रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशियों को मतदाता के रूप में शामिल कराने से पहले भागवत की अनुमति ली थी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)