देश की खबरें | कर्नाटक उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न मामले में प्रज्वल रेवन्ना को अग्रिम जमानत देने से इनकार किया

बेंगलुरु, 22 नवंबर कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की एक मामले में अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।

रेवन्ना के खिलाफ यह मामला 12 जून को बेंगलुरु में आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ​​के साइबर अपराध थाने में यौन उत्पीड़न के आरोप में दर्ज किया गया।

मामले में उन पर यौन उत्पीड़न, पीछा करने और आपराधिक धमकी तथा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून के तहत निजता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया। इस मामले में शिकायतकर्ता एक महिला है, जिसका वीडियो कॉल के जरिये कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया गया।

रेवन्ना के वकीलों ने इस आधार पर अग्रिम जमानत याचिका को वापस लेना चाहा कि मामले में आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है, लेकिन न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति नहीं दी और इसके बजाय याचिका खारिज कर दी।

रेवन्ना फिलहाल यहां परप्पना अग्रहारा जेल में न्यायिक हिरासत में हैं और उनके खिलाफ चार अलग-अलग मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।

होलेनरसिपुरा टाउन थाने में दर्ज एक मामले के संबंध में 31 मई को जर्मनी से बेंगलुरु हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद एसआईटी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। रेवन्ना इस साल लोकसभा चुनावों में हासन संसदीय क्षेत्र से चुनाव हार गए थे।

यौन शोषण के मामले तब प्रकाश में आए जब 26 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले हासन में प्रज्वल रेवन्ना से कथित तौर पर जुड़े अश्लील वीडियो वाले पेन ड्राइव प्रसारित किए गए। रेवन्ना के खिलाफ दर्ज मामलों के बाद जद(एस) ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था।

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