चित्रदुर्ग (कर्नाटक), 2 सितंबर : मुरुघा मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू को उच्च विद्यालय की छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बृहस्पतिवार को उनकी गिरफ्तार के तुरंत बाद बताया कि पुलिस ने पूछताछ के बाद मठाधीश को हिरासत में ले लिया. राज्य में लिंगायत समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित एवं प्रभावशाली मठों में से एक के मठाधीश से पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार ने एक अज्ञात स्थान पर पूछताछ की. कुमार इस मामले में जांच अधिकारी हैं.
इसके बाद उन्हें चिकित्सा जांच के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया और प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आवास पर उन्हें पेश किया गया. पुलिस अधीक्षक परशुराम ने बताया कि न्यायाधीश ने मठाधीश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिसके बाद उन्हें चित्रदुर्ग के जिला कारागार भेजा गया. मैसुरु शहर की पुलिस ने कथित यौन शोषण के लिए शिवमूर्ति के खिलाफ बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं में एक प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी जिला बाल संरक्षण इकाई के एक अधिकारी की शिकायत पर मठ के छात्रावास के वार्डन समेत पांच लोगों के खिलाफ दर्ज की गयी. पुलिस ने बृहस्पतिवार को वार्डन से भी पूछताछ की. गौरतलब है कि दो लड़कियों ने मैसुरु में एक गैर-सरकारी संगठन का रुख करते हुए उन्हें कथित यौन शोषण की जानकारी दी थी जिसके बाद संगठन ने प्राधिकारियों से संपर्क किया और पुलिस ने मामला दर्ज किया. इस मामले को चित्रदुर्ग पुलिस को सौंप दिया गया क्योंकि कथित अपराध वहीं हुआ था. यह भी पढ़ें : अदाणी समूह ने एनडीटीवी के उस दावे को खारिज किया जिसमें हिस्सेदारी बिक्री के लिए आई-टी विभाग की मंजूरी की जरूरत थी
मठाधीश पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है क्योंकि एक पीड़िता अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखती है. शिवमूर्ति ने पहले दावा किया था कि उनके खिलाफ आरोप लंबे समय से रचे जा रहे एक षडयंत्र का हिस्सा है तथा वह कानून का पालन करने वाले व्यक्ति हैं और जांच में सहयोग करेंगे. उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन भी हुए. पुलिस ने गिरफ्तारी के मद्देनजर चित्रदुर्ग में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए हैं.