नयी दिल्ली, 22 जुलाई गुजरात के काकरापार स्थित परमाणु विद्युत परियोजना (केएपीपी) की इकाई-3 ने बुधवार को प्रथम ‘क्रांतिकता’ हासिल कर ली जिसकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना की है।
यह जानकारी भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड की ओर से यहां जारी विज्ञप्ति में दी गई।
नियंत्रित स्व-वहनीय नाभिकीय विखंडन श्रृंखला अभिक्रिया को ‘क्रांतिकता’ कहा जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के जरिए इस उपलब्धि की सराहना करते हुए इसे ‘मेक इन इंडिया’ पहल का उत्कृष्ट उदाहरण करार दिया और कहा कि यह भविष्य की ऐसी अनेक उपलब्धियों के मार्गदर्शक के रूप में काम करेगी।
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उन्होंने इस सफलता पर परमाणु वैज्ञानिकों को बधाई दी।
विज्ञप्ति में कहा गया कि काकरापार स्थित परमाणु विद्युत परियोजना (केएपीपी) की इकाई-3 ने बुधवार सुबह 9:36 बजे प्रथम ‘क्रांतिकता’ हासिल कर ली।
इसमें कहा गया कि यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है क्योंकि केएपीपी-3 अपनी तरह का 700 मेगावाट क्षमता का प्रथम स्वदेशी दाबित भारी पानी रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) है। इसे भारतीय वैज्ञानिकों और अभियंताओं द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष आर के सिन्हा ने पीटीआई- से कहा, ‘‘संयंत्र भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।’’
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