नई दिल्ली, 29 अगस्त: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, झामुमो और शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि, गैर-राजग दलों ने कोविड-19 (Covid-19) के बढ़ते मामलों के मद्देनजर छात्रों की सेहत और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उच्चतम न्यायालय से नीट और जेईई परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की है. विपक्षी दलों के शासन वाले छह राज्यों के मंत्रियों ने न्यायालय से मांग की कि केंद्र को इस साल राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) कराने की अनुमति देने के आदेश पर पुनर्विचार किया जाए.
पश्चिम बंगाल के मंत्री मलय घटक, झारखंड के मंत्री रामेश्वर उरांव, राजस्थान के मंत्री रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के मंत्री अमरजीत भगत, पंजाब के मंत्री बी एस सिद्धू और महाराष्ट्र के मंत्री उदय रवींद्र सावंत ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की. राजनीतिक दलों की संयुक्त ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि अदालत ने अभी तक उस आधार पर सुनवाई नहीं की है जिस पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गयी है और यह उन याचिकाओं से अलग है जिन्हें शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया है.
प्रवेश परीक्षाएं स्थगित करने की याचिका में छात्रों की सेहत और सुरक्षा, 25 लाख परीक्षार्थियों के शामिल होने की संभावना को देखते हुए परीक्षाओं के लिए जरूरी साजो-सामान और छात्रों के स्वास्थ्य तथा शिक्षा के बीच संतुलन जैसे पहलुओं को आधार बनाया गया है.
उच्चतम न्यायालय ने 17 अगस्त को सितंबर में नीट और जेईई परीक्षाओं के आयोजन में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा था कि जीवन चलते रहना चाहिए और छात्र महामारी के कारण एक बहुमूल्य साल नहीं गंवा सकते. उसी आदेश की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को पुनर्विचार याचिका दाखिल की गयी.
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