लखनऊ, 3 नवंबर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शुक्रवार को जापान के राजदूत हिरोशी सुजुकी के नेतृत्व में जापानी उद्यमियों के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट कर नए निवेश प्रस्तावों पर चर्चा की. शुक्रवार को यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार योगी ने पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित इस बैठक में कहा, ''जापानी उद्योग जगत का उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए उत्साह भारत-जापान संबंधों को नई ऊंचाई देने वाला है.''
बयान में कहा गया कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन में हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिलने के बाद उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जापानी निवेशकों ने नए औद्योगिक निवेश को लेकर रुचि दर्शायी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत व जापान के संबंध हमेशा से मैत्रीपूर्ण रहे हैं. दोनों देशों के बीच परस्पर सौहार्द और द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ''दोनों देश बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं तथा समान सामाजिक-आर्थिक वृद्धि की प्राथमिकताओं के साथ लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष एवं बहुलवादी प्रणालियों का अनुसरण करते हैं.''
भारत-जापान के प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों की चर्चा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि बौद्ध धर्म के प्रसार के कारण भारत एवं जापान के बीच सदियों से मजबूत सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, जिसके चलते भारतीय और जापानी लोगों के बीच एक मजबूत साझा पहचान तैयार हुई है. उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े अनेक आस्था स्थल हैं। कपिलवस्तु, सारनाथ, संकिसा, श्रावस्ती और कुशीनगर बौद्ध मतावलंबियों के लिए बड़े आस्था के केंद्र हैं.
वाराणसी में जापान के सहयोग से निर्मित विश्वस्तरीय सभागार की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के प्रगाढ़ संबंधों ने आधुनिक युग में भारत-जापान के राजनीतिक, आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. जापानी उद्यमियों से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश की विस्तृत संभावनाओं पर चर्चा करते हुए योगी ने कहा कि राज्य सरकार जापानी कंपनियों के साथ सहयोग करने की इच्छुक है.
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कार्यरत सात प्रमुख कंपनियों (मित्सुई टेक्नोलॉजीज, होंडा मोटर्स, यामाहा मोटर्स, डेंसो, टोयो ड्रंक, निसिन एबीसी लॉजिस्टिक, सेकिसुई डीएलजेएम मोल्डिंग) सहित कुल 1,400 से अधिक जापानी कंपनियां भारत में संचालित हैं. बयान में कहा गया कि बैठक में जापानी दल का नेतृत्व कर रहे सुजुकी ने उत्तर प्रदेश में उद्योग व्यापार के असीम अवसरों, अवसंरचना क्षेत्र में हो रहे कार्यों और मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व की प्रशंसा की और कहा कि जापान के निवेशक यहां की नीतियों से उत्साहित हैं.
कुबोटा एग्रीकल्चरल मशीनरी इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक निखिल चंद्रा ने कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में एस्कॉर्ट कुबोटा फार्म इंस्टीट्यूट की स्थापना को लेकर अपनी रुचि जताई. बैठक में जापानी राजदूत के अतिरिक्त जापानी दूतावास के राजनीतिक सलाहकार केंतारो ओरिता, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी के मुख्य प्रतिनिधि मित्सुनरी साइतो सहित जापानी दूतावास के अनेक अधिकारी मौजूद रहे.
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