ईरान की सरकारी मीडिया ने बताया कि ईरान के शीर्ष परमाणु वार्ताकार अली बाकरी और देश के असैन्य परमाणु प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने यह बात कही है।
गौरतलब है कि साल 2015 में हुए ईरान के परमाणु करार के तहत ईरान को आर्थिक प्रतिबंध हटवाने के लिये यूरेनियम संवर्धन को सीमित करना था। लेकिन 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका इस समझौते से बाहर निकल गया था। तब से यह करार ठंडे बस्ते में पड़ा था। ईरान 60 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन की क्षमता हासिल कर चुका है और वह परमाणु आयुध बनाने के लिये आवश्यक 90 प्रतिशत यूरेनियम संवर्धन क्षमता हासिल करने के करीब पहुंच गया है।
ईरान के सरकारी टेलीविजन पर बाकरी ने पिछले दौर की वार्ताओं को केवल ''मसौदा'' करार दिया।
उन्होंने कहा, ''मसौदों पर भी चर्चा होनी चाहिये। लिहाजा, जब तक सभी मुद्दों पर सहमति नहीं बन जाती तब तक कोई सहमति जाहिर नहीं की जा सकती। इस प्रकार, छह दौर में हुई सभी चर्चाओं को संक्षेप में प्रस्तुत कर उनपर बातचीत होनी चाहिए। आज की बैठक में भी सभी पक्षों ने इस बात को स्वीकार किया।''
एक अन्य टीवी कार्यक्रम में दिखाया गया है कि वियना में बाकरी ने कहा कि ईरान ने नए प्रतिबंध नहीं लगाने और पिछली पाबंदियों को दोबारा लागू नहीं करने की अमेरिका से गारंटी मांगी है।
इस्लामी ने ईरान की सरकार द्वारा संचालित समाचार एजेंसी से बात करते हुए यह मांग दोहराई।
उन्होंने कहा, ''वियना में जो वार्ता चल रही है वह परमाणु करार में अमेरिका की वापसी को लेकर है। उन्हें सभी प्रतिबंधों को हटाना होगा।''
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