नयी दिल्ली, 12 जनवरी : ब्याज दर बढ़ने और इक्विटी शेयर में बेहतर रिटर्न से बीते वर्ष म्यूचुअल फंड ( Mutual Fund) की निश्चित आय वाली योजनाओं पर विपरीत असर पड़ा है और इस खंड से शुद्ध रूप से 2.3 लाख करोड़ रुपये निकाले गये हैं. हालांकि ब्याज दर में वृद्धि की गति धीमी पड़ने को देखते हुए इस साल स्थिति पलटने की संभावना है. म्यूचुअल फंड की निश्श्चित आय वाली योजनाओं के तहत बॉन्ड, प्रतिभूतियों जैसे वित्तीय उत्पादों में निवेश किया जाता है. म्यूचुअल फंड कंपनियों का संघ एसोसएिशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार यह वर्ष 2021 में शुद्ध रूप से निकाले गये 34,545 करोड़ रुपये से यह कहीं अधिक है.
मॉर्निंगस्टार इंडिया में वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (अनुसंधान) कविता कृष्णन ने कहा, ''बॉन्ड, पतिभूतियों में निवेश वाली म्यूचुअल फंड की योजनाओं के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है. ब्याज दर में वृद्धि की गति अब मंद पड़ रही है. इसको देखते हुए 2023 में स्थिति बदलने की संभावना है.’’ यह भी पढ़ें : आयकर विभाग ने टीएमसी विधायक के कार्यालयों, आवास परिसरों से भारी मात्रा में करेंसी नोट जब्त किए
उन्होंने कहा, ‘‘मूल्यांकन के लिहाज से इक्विटी शेयर बाजार में दबाव दिख रहा है. ऐसे में निवेशक मध्यम अवधि की बॉन्ड, प्रतिभूतियों में निवेश वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं का रुख कर सकते हैं, जो उन्हें अपेक्षाकृत बेहतर रिटर्न दे सकता है....’’
निश्चित आय वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं से बीते वर्ष के 12 महीनों में से पांच में निकासी की गयी. कुल मिलाकर हमेशा निवेश के लिये उपलब्ध निश्चित आय वाली म्यूचुअल फंड योजनाओं से 2022 में शुद्ध रूप से 2.3 लाख करोड़ रुपये निकाले गये.