जम्मू, 15 दिसंबर जम्मू कश्मीर की स्वास्थ्य मंत्री सकीना मसूद ने रविवार को कहा कि राजौरी जिले के एक दूरदराज गांव में हाल ही में हुई सात लोगों की रहस्यमयी मौतों की जांच अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।
मसूद ने जल शक्ति, वन एवं जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद अहमद राणा, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और स्थानीय विधायक जावेद अहमद चौधरी के साथ रविवार को स्थिति की समीक्षा करने के लिए कोटरंका तहसील के अंतर्गत आने वाले प्रभावित गांव का दौरा किया।
आठ और 12 दिसंबर को दो अलग-अलग घटनाओं में बधाल गांव में सात लोगों की मौत हो गई थी।
अधिकारियों ने शुरुआत में संदेह जताया था कि उनकी मौत भोजन विषाक्तता से हो सकती है।
मसूद ने मौतों पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि 28 ग्रामीण प्रभावित हुए हैं, लेकिन जम्मू और राजौरी के अस्पतालों में उपचार करा रहे लोगों सहित सभी की हालत स्थिर है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी), जम्मू के प्रचार्य आशुतोष गुप्ता ने शनिवार को कहा कि प्रारंभिक जांच में वायरल संक्रमण का संकेत मिला है, लेकिन किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए गहन जांच करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह तय करने के लिए और समय की आवश्यकता है कि मौतें वायरस के प्रकोप के कारण हुईं या किसी विषाक्त पदार्थ के कारण।’’
मसूद ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने मौतों की जांच के लिए गांव में अलग-अलग टीम भेजी है।
मंत्री ने कहा, ‘‘हम अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं क्योंकि अधिकांश (प्रयोगशाला) रिपोर्ट अभी भी लंबित हैं। फोरेंसिक रिपोर्ट आने में 48 घंटे से अधिक का समय लगता है, जबकि कुछ रिपोर्ट (जैसा कि पीजीआई चंडीगढ़ टीम ने कहा है) आने में 20 दिन लगेंगे।’’
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