मुंबई, 16 जनवरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि गुजरात की ‘गिफ्ट सिटी’ की तर्ज पर राज्य में ‘इनोवेशन सिटी’ स्थापित करने की योजना है।
उन्होंने भारत के स्टार्ट-अप तंत्र में महाराष्ट्र के नेतृत्व को बनाए रखने के प्रयासों की जरूरत बताई।
यहां स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी पर एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल प्रौद्योगिकी और नवाचार के लिए एक केंद्र बनाएगी, जो स्टार्टअप के लिए, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसे उभरते क्षेत्रों में उपयोगी धरातल प्रदान करेगी।
फडणवीस ने कहा, ‘‘जिस तरह गिफ्ट सिटी बनाई गई है, हमारा उद्देश्य महाराष्ट्र में अधिक रफ्तार से इनोवेशन सिटी विकसित करना है।’’
गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम के तहत भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है। अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच विकसित इस वित्तीय और प्रौद्योगिकी केंद्र को भारत और विदेश से व्यापार आकर्षित करने के लिए तैयार किया गया है।
फडणवीस ने महाराष्ट्र की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य में 25,000 से अधिक स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं और वे ‘निवेश तथा मूल्य निर्धारण’ में अग्रणी बने हुए हैं।
केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने भारत में शीर्ष स्टार्ट-अप तंत्र के रूप में राज्य की रैंकिंग पर गर्व जताया।
उन्होंने इस तरह की सफलता के लिए मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक और छत्रपति संभाजीनगर जैसे शहरों को श्रेय दिया।
फडणवीस ने महाराष्ट्र में स्टार्ट-अप के सहयोग के लिए अनेक उपायों की भी घोषणा की जिनमें 100 करोड़ रुपये की निधि के लिए सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) के साथ एक नई साझेदारी शामिल है।
उन्होंने कहा, ‘‘पहले यह धन केवल मुंबई में ही रहता था, लेकिन अब 30 करोड़ रुपये प्रत्येक राजस्व संभाग को आवंटित किए जाएंगे ताकि दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों तक सहयोग पहुंचे।’’
फडणवीस ने जीवन के हर क्षेत्र में क्रांतिकारी शक्ति के रूप में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को अपनाने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को एआई-केंद्रित उत्कृष्टता केंद्र बनाने की योजना भी जाहिर की। साथ ही एआई क्रांति के लिए निजी विश्वविद्यालयों से साझेदारी की भी बात कही गई।
फडणवीस ने विश्वस्तरीय एआई और स्टार्ट-अप तंत्र के निर्माण के लिए हितधारकों को सरकार के साथ साझेदारी के लिए आमंत्रित किया।
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