मुंबई, 19 अप्रैल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस के संबंध में चिह्नित किए गए ‘ग्रीन’ और ‘ऑरेंज’ जोन में उद्योगों को नियंत्रित तरीके से कामकाज बहाल करने की अनुमति दी जाएगी।
एक वीडियो संदेश में उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान अपने कामगारों को आवास की सुविधा मुहैया कराने वाले उद्योगों को राज्य से अनाज की आपूर्ति की जाएगी और कच्चे माल की अनुमति दी जाएगी।
ठाकरे ने कहा, ''हमें 20 अप्रैल से इस अर्थचक्र को शुरू करना है।''
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ग्रीन और ऑरेंज क्षेत्रों के उद्योगों को नियंत्रित तरीके से उत्पादन और प्रसंस्करण की गतिविधियां शुरू करने की अनुमति दे रही है। उद्योगों को अपने कामगारों के लिए रहने की व्यवस्था करनी होगी। वे काम के लिए लंबी दूरी की यात्रा नहीं करेंगे।’’
‘ग्रीन जोन’ में वे क्षेत्र आते हैं जहां कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है, जबकि ‘ऑरेंज जोन’ में वे क्षेत्र आते हैं जहां कम मामले सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आवश्यक सेवाओं की आवाजाही के अलावा सभी जिलों की सीमाएं सील रहेंगी।
उन्होंने कहा, ''कृषि उपज और कृषि उपकरणों की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं है। सभी आवश्यक वस्तुओं को लॉकडाउन पाबंदियों से मुक्त रखा जाएगा।''
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य में सभी प्रवासी मजदूरों की देखभाल करेगी।
उन्होंने कहा, "मैं उनसे आग्रह करता हूं कि जब तक लॉकडाउन लागू है वे यहीं रहें, मैं उनके खाने-पीने का ध्यान रखूंगा। एक बार लॉकडाउन खत्म हो जाए, मैं सुनिश्चित करूंगा कि वे अपने घरों तक सुरक्षित पहुंच जाएं।"
महाराष्ट्र में शनिवार तक इस संक्रामक रोग के 3,648 मामले सामने आए और 211 लोगों की मौत हो चुकी है।
ठाकरे ने लोगों से आग्रह किया कि कोरोनो वायरस के लक्षण दिखने पर छिपाए नहीं बल्कि सामने आएं।
उन्होंने कहा कि राज्य में 80 प्रतिशत गरीबों को रियायती खाद्य सामग्री मिल चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र केवल चावल मुफ्त में दे रहा है। हमने केंद्र से गेहूं और दाल की भी मांग की है। आपूर्ति होने पर हम जरूरतमंद लोगों तक इसे पहुंचाएंगे ’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)