नोएडा, नौ दिसंबर उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में बन रहे नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सोमवार को पहली पूर्ण परीक्षण उड़ान के तहत इंडिगो का एयरबस 320 विमान उतरा जिसका स्वागत पारंपरिक रूप से पानी की बौछार करके किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर क्षेत्र में बनाया जा रहा है, जो दिल्ली से लगभग 75 किलोमीटर दूर है। यह दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा।
स्विट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल में उत्तर प्रदेश सरकार के लिए हवाई अड्डे का निर्माण कर रही है।
पूर्ण परीक्षण उड़ान का संचालन यह सत्यापित करने के लिए किया जाता है कि हवाईअड्डा सुरक्षा, परिचालन और विनियामक मानकों को पूरा कर रहा है या नहीं।
इस अवसर पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने कहा, ‘‘आज पूर्ण परीक्षण उड़ान के साथ, हम अगले साल अप्रैल के अंत से पहले हवाईअड्डा परियोजना को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज हवाई अड्डे की प्रगति में एक अहम दिन है और निश्चित रूप से नागरिक उड्डयन मंत्रालय से जो भी सहायता की आवश्यकता होगी, हम निरंतर प्रदान करेंगे ताकि हवाई अड्डे से शीघ्र परिचालन शुरू हो सके।’’
नायडू ने कहा कि इस परियोजना में अब तक पांच करोड़ मानव घंटे लगे हैं और एक भी दुर्घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि देश में इतने बड़े पैमाने पर कोई अन्य परियोजना इस रिकार्ड का दावा कर सकती है, इसलिए मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं, जिन्होंने इसे संभव बनाया है।’’
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा कि पूर्ण परीक्षण उड़ानों का सफलतापूर्वक पूरा होना उस समर्पण और सावधानीपूर्वक योजना को दर्शाता है, जो यह सुनिश्चित करने में लगी है कि हवाई अड्डा वाणिज्यिक परिचालन के लिए तैयार है।
आरएनपी (आवश्यक नेविगेशन प्रदर्शन) प्रक्रियाओं और आईएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) दृष्टिकोण प्रक्रियाओं का परीक्षण करने के लिए एयरबस ए-320 के जरिये पूर्ण परीक्षण उड़ान संचालित की जा रही है। आरएनपी नेविगेशन विनिर्देशों का एक सेट है जो विमान को उच्च सटीकता के साथ सटीक उड़ान पथों पर उड़ान भरने में सक्षम बनाता है। नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण देश नागरिक विमानन उद्योग में असाधारण सफलता देख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य में यह एक अद्भुत हवाई अड्डा बनने जा रहा है। न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को इस हवाई अड्डे पर गर्व होगा।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘मैं विशेष रूप से उन किसानों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस हवाई अड्डे को मूर्त रूप देने में मदद की और उन सभी श्रमिकों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने समय-सीमा के भीतर इसे पूरा करने के लिए दिन-रात काम किया है।’’
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘एशिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे कहे जाने वाले जेवर में सफल लैंडिंग, उत्तर प्रदेश के लिए एक और मील का पत्थर है, जो अब भारत में सबसे अधिक हवाई अड्डों वाला प्रदेश बन गया है।’’
इसमें कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 नवंबर 2021 को हवाई अड्डे की आधारशिला रखी। इसके बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रगति की निगरानी के लिए कई दौरे किए और यह सुनिश्चित किया कि काम उच्चतम गुणवत्ता मानकों के साथ किया जाए।’’
सरकार ने कहा कि यह हवाई अड्डा गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और आसपास के क्षेत्रों में विकास के नए रास्ते खोलेगा।
बयान में कहा गया कि यह लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या और कुशीनगर के बाद उत्तर प्रदेश का पांचवां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने एक बयान में कहा कि वह वाणिज्यिक परिचालन के लिए आवश्यक कड़े सुरक्षा और परिचालन मानकों का पालन करता है। उसने कहा कि इस पूर्ण परीक्षण उड़ान के बाद वह हवाई अड्डे के प्रमाणन के लिए आवश्यक दस्तावेजों को अंतिम रूप देगा और इसे नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को सौंप देगा।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए 40 साल की रियायत अवधि एक अक्टूबर, 2021 से शुरू हुई।
हवाई अड्डे के उद्घाटन के समय एक हवाई पट्टी और एक टर्मिनल होगा तथा इसकी क्षमता सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को सेवा देने की होगी।
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