नयी दिल्ली, 14 दिसंबर : संकटग्रस्त सीरिया से निकाले जाने के बाद शनिवार को स्वदेश लौटे भारतीय नागरिकों के एक समूह ने दहशत के उस मंजर को याद किया, जिसे उन्होंने चंद रातों पहले अनुभव किया. हालांकि, उन्होंने वहां भारतीय दूतावास की ‘लगातार संपर्क’ में रहने के लिए प्रशंसा की. देर शाम दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के तुरंत बाद कुछ लोगों ने मीडिया के साथ पिछले सप्ताह के अपने अनुभव साझा किए. चंडीगढ़ के मूल निवासी और मैकेनिकल इंजीनियर सुनील दत्त ने आरोप लगाया कि सड़कों पर कुछ ‘असामाजिक तत्व’ भी थे जो ‘सामान लूट रहे थे’. उन्होंने बताया कि बहुत ही खराब स्थिति थी और गोलीबारी व बमबारी की आवाजों ने हालात को और भी बदतर बना दिया. दत्त ने दिल्ली हवाई अड्डे पर संवाददाताओं को बताया हालांकि भारतीय दूतावास ‘‘हमारे लगातार संपर्क में था’’ और ‘‘हमसे शांत रहने व दरवाजे नहीं खोलने के लिए कहा गया था’’. भारत ने सीरिया से अपने उन सभी नागरिकों को निकाल लिया है, जिन्होंने घर लौटने की इच्छा जताई थी.
सीरिया में विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर असद की सरकार का तख्तापलट कर सरकार को बर्खास्त कर दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा था, “हमने सीरिया में मौजूद उन सभी भारतीय नागरिकों को निकाल लिया है, जो वहां हाल के घटनाक्रम के बाद घर लौटना चाहते थे. अब तक सीरिया से 77 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है.” ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सचित कपूर भी शनिवार को दिल्ली पहुंचे भारतीयों में शामिल थे. उन्होंने कहा, “हम करीब सात महीने सीरिया में रहे. सात दिसंबर को स्थिति और खराब हो गई. हमें दमिश्क शहर में स्थानांतरित कर दिया गया और फिर हमने चारों ओर आग तथा बमबारी देखी. हर जगह दहशत का माहौल था. हम एक लग्जरी होटल में 11 लोगों के समूह में थे. स्थिति और खराब हो गई. लोग सड़कों पर बेकाबू हो रहे थे, कुछ लोग लूटपाट भी कर रहे थे.” कपूर ने हालात को याद करते हुए बताया कि सीरिया में भारतीय दूतावास की वजह से ‘‘हमें बहुत आसानी से लेबनान स्थानांतरित कर दिया गया और हमें किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा.’’ यह भी पढ़ें : अमेरिकी अधिकारी सीरिया के विद्रोही समूह के साथ सीधे संपर्क में हैं: विदेश मंत्री ब्लिंकन
#WATCH | Delhi | A batch of 6 Indian nationals evacuated from war-torn Syria, at IGI airport, Sunil Dutt says, "...We were in contact with the embassy. When the rebels took over - we got a call that we need to evacuate immediately... The embassy supported us, guided us - and they… pic.twitter.com/yvIQSamDl9— ANI (@ANI) December 14, 2024
इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ने कहा, ‘‘लेबनान में भी हमारे रहने और खाने की सुविधा बहुत अच्छी थी.’’ कपूर ने विदेश मंत्रालय को उन प्रभावित भारतीयों को दी गई सहायता के लिए धन्यवाद दिया, जो स्वदेश लौटना चाहते थे. शनिवार को दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे एक अन्य भारतीय नागरिक रतन लाल ने कहा, “मैं पिछले पांच वर्षों से सीरिया में था. जब स्थिति खराब हो गई, तो हमें दमिश्क बुलाया गया और वहां एक होटल में ठहराया गया. फिर हमें वीजा दिया गया, जिसके बाद हम आगे की यात्रा के लिए हवाई अड्डे गए.” लाल ने बताया कि स्थिति बहुत खराब थी और उनके परिवार के लोगों ने उन्हें किसी भी तरह वापस लौटने को कहा था.