खेल की खबरें | भारत अभी गुलाबी गेंद से खेलना सीख रहा है: मोर्कल

एडिलेड, सात दिसंबर भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के दौरान टीम के गेंदबाजों को अपनी रणनीति पर अमल करने और सही लेंथ पर गेंदबाजी करने के लिए संघर्ष करना पड़ा और इसका कारण गुलाबी गेंद की क्रिकेट में उनका सीमित अनुभव है।

भारत अपनी दूसरी पारी में पांच विकेट पर 128 रन बनाकर संघर्ष कर रहा है और इस दिनरात्रि टेस्ट मैच में वह अभी ऑस्ट्रेलिया से 29 रन से पीछे है।

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने ट्रैविस हेड (140) और मार्नस लाबुशेन (64) की उपयोगी पारियों से पहली पारी में 157 रन की बड़ी बढ़त हासिल की।

मोर्कल ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा,‘‘इस विकेट पर गुलाबी गेंद से अभी तक कुछ ना कुछ होता रहा है। अगर आप लगातार अपनी सही लेंथ पर गेंदबाजी कर रहे हैं तो कुछ गेंद ही खराब जाती हैं। आखिर में अपनी रणनीति तैयार करना और उस पर अमल करना महत्वपूर्ण होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलिया ने इस टेस्ट मैच में अब तक यही किया है। उन्होंने पहले दिन अच्छी गेंदबाजी की और हमारे लिए रन बनाना मुश्किल कर दिया। जब गेंद थोड़ी नरम हो जाती है तो स्कोर करना आसान हो जाता है।’’

मोर्कल ने कहा, ‘‘जहां तक भारत का सवाल है तो मुझे लगता है कि यह टीम अभी भी यह पता लगा रही है कि गुलाबी गेंद क्रिकेट खेलने का सबसे अच्छा तरीका क्या है क्योंकि हमारे पास गुलाबी गेंद खेलने का बहुत अधिक अनुभव नहीं है। इसलिए हमारी टीम अभी गुलाबी गेंद से खेलना सीख रही है।’’

भारतीय गेंदबाजों के प्रदर्शन के बारे में मोर्कल ने कहा,‘‘अगर मैं पहले टेस्ट मैच की बात करूं तो हमारी लाइन और लेंथ शानदार थी। इस टेस्ट मैच में पहले दिन रात को गेंद मूव कर रही थी लेकिन हम उसका फायदा नहीं उठा पाए।’’

मोर्कल ने स्वीकार किया कि भारतीय गेंदबाज अपनी रणनीति पर पूरी तरह से अमल नहीं कर पाए जिससे हेड को हावी होने का मौका मिला।

उन्होंने कहा, ‘‘वह एक ऐसा खिलाड़ी है जो केवल रन बनाना चाहता है, एक गेंदबाज के रूप में वह आपको दबाव में रखता है, इसलिए हर गेंद पर आपके प्रदर्शन की परीक्षा होती है। उसे शुरू में संघर्ष करना पड़ा लेकिन इसके बाद वह हावी हो गया और हम पर दबाव बना दिया।’’

मोर्कल ने कहा,‘‘मुझे लगता है कि हम अपनी रणनीति पर पूरी तरह से अमल नहीं कर पाए। हम शायद प्लान ए से प्लान बी की ओर बढ़ रहे थे। हमें इस क्षेत्र में बेहतर बनने की जरूरत है।’’’

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