नयी दिल्ली, 13 दिसंबर भारत और थाईलैंड ने सैन्य हार्डवेयर के सह-उत्पादन को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए शीघ्र एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने का निर्णय लिया है।
यह निर्णय नयी दिल्ली में बृहस्पतिवार को आयोजित नौवीं भारत-थाईलैंड रक्षा वार्ता में लिया गया।
दस देशों वाले आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन) समूह के एक प्रमुख सदस्य थाईलैंड को भारत दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है।
रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष रक्षा उद्योग के क्षेत्रों में सहयोग को प्रभावी ढंग से संचालित करने और निगरानी करने के लिए संयुक्त कार्य समूह की शीघ्र स्थापना पर सहमत हुए।’’
मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने भारतीय और थाई सशस्त्र बलों के बीच ‘‘विषय केंद्रित विशेषज्ञों’’ के आदान-प्रदान पर भी सहमति व्यक्त की, ताकि विशिष्ट क्षेत्रों में नियमित संपर्क को आगे बढ़ाया जा सके और उन्हें संस्थागत बनाया जा सके।’’
बैठक में भारतीय पक्ष ने भारत के रक्षा उद्योग की क्षमता पर प्रकाश डाला तथा बताया कि यह किस प्रकार ‘रॉयल थाई’ सशस्त्र बलों की क्षमता को बढ़ा सकता है।
मंत्रालय ने कहा कि थाई पक्ष ने भारतीय रक्षा उद्योग की क्षमता की सराहना की तथा सैन्य हार्डवेयर के सह-डिजाइन, सह-उत्पादन और सह-विकास की संभावनाएं तलाशने का प्रस्ताव रखा।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव (अंतरराष्ट्रीय सहयोग) अमिताभ प्रसाद ने किया, जबकि थाई पक्ष का नेतृत्व रक्षा उप स्थायी सचिव जनरल थारापोंग मलकाम ने किया।
इससे पहले दिन में थाई उप स्थायी सचिव ने राष्ट्रीय समर स्मारक पर शहीद नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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