देश की खबरें | आईसीएमआर ने राष्ट्रीय अनिवार्य जांच सूची का संशोधित संस्करण प्रस्तावित किया

नयी दिल्ली, दो जनवरी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने राष्ट्रीय अनिवार्य जांच सूची (एनईडीएल) का संशोधित संस्करण प्रस्तावित किया है, जिसमें न्यूनतम जांच की संख्या का उल्लेख किया गया है जो देश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विभिन्न स्तरों पर उपलब्ध होनी चाहिए।

संशोधित मसौदे के अनुसार, मधुमेह, मलेरिया, तपेदिक, एचआईवी और सिफलिस सहित नौ प्रकार की जांच गांव स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं वाले स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध करायी जानी चाहिए।

इसके अनुसार आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में गांव स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध नौ जांच के अलावा हेपेटाइटिस बी जांच की सुविधा भी उपलब्ध होनी चाहिए।

संशोधित मसौदा सूची प्रासंगिक हितधारकों से प्राप्त सुझावों और कई परामर्श बैठकों से प्राप्त फीडबैक को शामिल करके तैयार की गई है।

यह पहली सूची पर आधारित है और गांव स्तर की इकाइयों, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), उप जिला अस्पतालों (एसडीएच) और जिला अस्पतालों (डीएच) सहित स्वास्थ्य सुविधाओं के विभिन्न स्तरों पर जांचों के लिए सिफारिशें प्रदान करती है।

दूसरी राष्ट्रीय अनिवार्य जांच सूची के मसौदे को विभिन्न हितधारकों से फीडबैक और टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक किया गया है।

नये दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक्स-रे और ईसीजी सुविधाओं के अलावा डेंगू और जापानी इंसेफेलाइटिस और अन्य सामान्य बीमारियों की जांच भी सुलभ होनी चाहिए।

मसौदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिला स्तर के अस्पतालों में सीटी स्कैन, एमआरआई, मैमोग्राफी और इकोकार्डियोग्राफी की सुविधा होनी चाहिए।

आईसीएमआर ने जांच को स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक अनिवार्य घटक बनाने के लिए 2019 में पहली एनईडीएल जारी की थी।

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