
नयी दिल्ली, 26 मार्च : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा उनके आचरण को लेकर की गई टिप्पणी के बाद बुधवार को कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है और सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है. लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने बुधवार को शून्यकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा कि वह सदन के नियमों और परंपराओं के अनुरूप आचरण करें तथा उनसे ऐसी अपेक्षा भी की जाती है. इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी.
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कांग्रेस के सांसदों ने बिरला से मुलाकात की और नेता प्रतिपक्ष को ‘‘बोलने का मौका नहीं देने’’ को लेकर विरोध दर्ज कराया. राहुल गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष ने मेरे बारे में कुछ बोला. जब मैं खड़ा हुआ तो वह उठकर चले गए और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘जब भी मैं सदन में बोलने के लिए खड़ा होता हूं तो बोलने नहीं दिया जाता, जबकि यह परंपरा रही है कि नेता प्रतिपक्ष खड़ा हो तो उसे बोलने दिया जाए. पता नहीं किस प्रकार से सदन से चल रहा है.’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मैंने कुछ नहीं किया है. मैं शांति से बैठा था. पिछले सात-आठ दिन में मैंने कुछ नहीं बोला. लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों की जगह होती है, लेकिन यहां लोकतंत्र की जगह नहीं है. पता नहीं कि लोकसभा अध्यक्ष की क्या सोच है.’’ यह भी पढ़ें : उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के दो पत्रकारों के संरक्षण की अवधि बढ़ाई
उन्होंने आरोप लगाया कि सदन को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है. सदन में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया जाता है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा के कोई सांसद या मंत्री सिर्फ खड़े हो जाते हैं तो उन्हें बोलने की खूली छूट मिल जाती है. गोगोई का कहना था, ‘‘जब सुषमा स्वराज जी नेता प्रतिपक्ष थीं तो लोकसभा में उन्हें क्या सम्मान मिलता था, हम सबने देखा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम लोकसभा अध्यक्ष से मिले और अपनी आपत्ति दर्ज कराई और नेता प्रतिपक्ष की गरिमा की जो अवहेलना हो रही है, उसके बारे में बताया है.’’ उनका कहना था कि लोकसभा अध्यक्ष से कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला है. गोगोई ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि सदन चले, लेकिन यह एक साजिश है ताकि सदन में माहौल खराब हो.’’